बेंगलुरु: कर्नाटक के बाढ़-प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में स्थिति में सुधार हुआ है और इस बीच सरकार ने राज्य में इस आपदा से प्रभावित छह लाख से अधिक लोगों के लिए बड़े स्तर पर पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किये हैं। इस बीच, राज्य में कृष्णा एवं कावेरी बेसिनों में बाढ़ के पानी के स्तर में भी कमी आई है। बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के साथ ही 1200 राहत केंदों से लोगों ने धीरे-धीरे अपने घर लौटना शुरू कर दिया है। बाढ़ की वजह से विशेषकर गरीब और किसानों के मकान ध्वस्त हो गये हैं और उन्हें सबसे अधिक नुकसान हुआ है। कोप्पल, कलाबुर्गी और रायचूर जिलों में कृष्णा, तुंगभद्रा और भीमा नदियों में बाढ़ के जल के स्तर में कमी आई है। सबसे अधिक प्रभावित कोडागु, मैसूरु, हसन और चिकमंगलुरु जिलों में भी स्थिति सामान्य हो रही है।
इन जिलों के कई क्षेत्रों में हुए भू-स्खलन में हजारों लोग बेघर हो गये हैं और पिछले तीन सप्ताह के दौरान राज्य में भारी बारिश और बाढ़ संबंधित घटनाओं में 50 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है। इस बीच, रायचूर में बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है और नारायणपुर जलाशय से 5.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अलमाटी जलाशय से 5.7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कलाबुर्गी जिले में भीमा नदी स्थिति नियंत्रण में और यहां से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा घटकर 86,000 क्यूसेक रह गयी है। राज्य के अधिकतर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने से पिछले कई दिनों से लगातार काम में जुटे प्रशासन के लोग और बचाव दल को कुछ राहत मिली है और अब मुख्य रूप से पुनर्वास कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है।