अशाेक यादव, लखनऊ। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन को करवा चौथ कहते हैं। रात में चांद का दीदार करने और चलनी से पति का चेहरा देखने के बाद महिलाएं यह व्रत तोड़ती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन यह व्रत किया जाता है और इस साल यह तिथि 24 अक्टूबर रविवार को पड़ रही है।
माना जा रहा है कि करवा चौथ पर इस बार 5 साल बाद यह शुभ योग बन रहा है, कि करवा चौथ के व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जाएगी। इसके अलावा रविवार को यह व्रत होने से इस पर सूर्यदेव का भी शुभ प्रभाव पड़ेगा।
कार्तिक मास के कृष्णम पक्ष की चतुर्थी इस बार 24 अक्टूबर को पड़ रही है। इस दिन रविवार पड़ रहा है। इस बार करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर होगा और समापन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट पर होगा।
सुहागिन महिलाओं के त्योहार करवा चौथ के नजदीक आने के साथ ही बाजारों की रौनक बढ़ गई है। 24 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा। करवा चौथ की तैयारियों से शहर के बाजार गुलजार हैं। त्योहार के नजदीक आते ही बाजारों में खरीदारों की भीड़ पहुंचने लगी है।
हजरतगंज, अमीनाबाद और भूतनाथ बाजार सहित शहर के ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं में मेहंदी लगवाने की होड़ लगी रही। जिन महिलाओं ने पहले से बुकिंग करा रखी थी उन्हें तो ज्यादा परेशानी नहीं हुई, लेकिन कई महिलाओं का घंटों इंतजार के बाद मेहंदी लगवाने का नंबर आया।
करवा चौथ के दिन सुबह उठकर सरगी का सेवन किया जाता है और उसके बाद स्ना न करके घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत का आरंभ किया जाता है। करवा चौथ का व्रत पूरे दिन निर्जला किया जाता है और उसके बाद शाम के समय तुलसी के समक्ष बैठकर करवा चौथ के व्रत की विधि विधान से पूजा की जाती है।
चांद निकलने से पहले थाली में धूप-दीप, रोली, अक्षत, पुष्पज और मिठाई रख लें। करवे में अर्घ्यथ देने के लिए जल भर लें और फिर चांद निकलने के बाद अर्घ्यर देकर छलनी से पति का चेहरा देखकर व्रत तोड़ लें।