भोपाल। भोपाल के हमीदिया कैंपस के कमला नेहरू हॉस्पिटल के चिल्ड्रन वार्ड में लगी आग के बाद परिजनों की चीख-पुकार अब सिसकियों में बदल चुकी है। परिजन पूरी रात अस्पताल के बाहर ही कड़कती ठंड में बैठे रहे। उनका आरोप है कि यह आग एक साजिश के तहत लगाई है। अस्पताल के बाहर बैठे परिजनों और तीमारदारों का कहना था कि आग लगने से पहले चिल्ड्रन वार्ड में वार्ड ब्यॉय और स्टाफ नर्स के बीच झगड़ा हुआ था। जिसके बाद दोनों ने एक दूसरे को धमकी भी दी थी। कहा था कि यहां से कोई हंसता हुआ नहीं जाएगा। सब रोते हुए ही जाएंगे।
मंगलवार सुबह परिजन अपने मृत बच्चों का शव लेने पहुंचे तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। अस्पताल प्रशासन की तरफ से बिल्डिंग गेट पर प्राइवेट सिक्योरिटी तैनात कर दी गई। साथ ही वहां पर पुलिस भी मौजूद है। किसी भी परिजन को बच्चों से मिलने के लिए अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बात को लेकर परिजनों और सिक्योरिटी के बीच झगड़ा भी हो गया था। परिजनों ने अब बच्चों की डीएनए जांच की भी मांग की है।
दरअसल, सोमवार रात करीब 9 बजे कमला नेहरू अस्पताल के तीसरी मंजिल पर चिल्ड्रन वार्ड में आग लग गई थी। इस वार्ड में करीब 40 बच्चे भर्ती थे। चर्चा है कि यह आग शॉर्ट सर्किट होने की वजह से लगी। शॉर्टस सर्किट की वजह से पहले पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ी। बाद में यह आग उस वॉर्मर तक पहुंच गई जहां बच्चों को रखा गया था। देखते ही देखते पूरे वार्ड में धुंआ घुट गया। जिसमें चार बच्चों की मौत हो गई। उधर परिजनों ने चार से अधिक बच्चों की मौत का आरोप लगाया है।