मध्यप्रदेश: मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने कर्मचारियों के दो फीसदी महंगाई भत्ते (डीए) को आखिरकार मंजूरी दे दी है। महंगाई भत्ता एक जुलाई 2018 से पेंडिंग था। सरकार ने इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 10 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। बढ़ा हुआ भत्ता कर्मचारियों के मार्च के वेतन में जुड़कर आएगा। वहीं एरियर की राशि सरकार जीपीएफ खाते में जमा कराएगी। डीए बढ़ने से राज्य सरकार के खजाने पर हर साल 1,098 करोड़ रुपये का भार आएगा। बता दें कि पिछले छह महीने से डीए पेंडिंग होने से कर्मचारियों में नाराजगी थी। इन 10 लाख कर्मचारियों में शासकीय, शिक्षक संवर्ग, पंचायत सचिव, पेंशन पाने वाले और स्थाई कर्मचारी शामिल हैं।
गौरतलब है कि सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने जुलाई 2018 से अपने कर्मचारियों का डीए दो फीसदी बढ़ाकर नौ फीसदी कर दिया था। जबकि मध्यप्रदेश में यह 7 फीसदी था। अब दो फीसदी डीए की मंजूरी के बाद मध्यप्रदेश के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबरी पर आए हैं। हालांकि केंद्र सरकार का एक जनवरी 2019 से मिलने वाला डीए फिर पेंडिंग हो गया है। मध्यप्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दायरे में 41 लाख बुजुर्ग हैं। 60 से लेकर 80 साल तक के बुजुर्गों को अभी 300 रुपये और 80 साल से ज्यादा उम्र वालों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलती है।
अब सरकार ने इसे एक समान करते हुए 600 रुपए प्रतिमाह कर दिया है। इससे सरकार पर सालाना 1300 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। रिवाइज्ड पेंशन एक अप्रैल 2019 से लागू होगी। सरकार ने विवेकानंद युवा शक्ति मिशन योजना के तहत बेरोजगारों को हर महीने 4 हजार रुपये भत्ता देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके साथ ही बेरोजगार युवाओं को 100 दिन का काम भी दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले राज्य सरकार की योजना को मंजूरी मिल सकती है।