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‘ओमिक्रॉन’ को लेकर योगी सरकार सतर्क, जारी की ये नई गाइटलाइंस

अशाेक यादव, लखनऊ। कोरोना महामारी के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश जारी कर दिए हैं। इसी के क्रम में राजधानी में कोरोना की जांच के लिए 158 टीमें गठित कर दी गई हैं। यह टीमें तीन पालियों में निर्धारित केंद्रों में जांच करेंगे। यह जानकारी बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने दी।

उन्होंने बताया कि यदि किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो तत्काल उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे। बिना जांच कराए किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। शहर में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय व एसजीपीजीआई में जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए जांच कर वेरिएंट का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि जिनोम सिक्वेंसिंग की जांच उन्हीं मरीजों की होगी, जो कोरोना संक्रमण से पीड़ित होंगे।

डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की आरटीपीसीआर जांच होनी है, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं और लगातार इसकी मॉनीटरिंग भी हो रही हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने जांच की क्षमता बढ़ा दी है।

सभी बस स्टॉप व रेलवे स्टेशन के साथ हवाई अड्डे पर आरटीपीसीआर की जांच बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। बाहर से आने वाले हर शख्स की जांच को लेकर 158 टीमें लगाई गई है। यह टीम 24 घंटे सतर्क रहेगी। यदि किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो तत्काल उसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे। बिना जांच कराए किसी को भी बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा।

क्या है जीनोंम सिक्वेंसिंग

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग जांच से वेरिएंट का पता लगाया जाता है। इसमें किस प्रकार के वैरिएंट से मरीज संक्रमित हैं। कोरोना संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की रिपोर्ट केजीएमयू और पीजीआई भेजी जा रही है।

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