नई दिल्ली: ऐसा लगा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी से बिगुल फूंक दिया है। रामलीला मैदान में कांग्रेस की जन आक्रोश रैली से कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत तमामा पार्टी के शीर्ष नेता आज यहां इकट्टे हुए हैं। इस जनसभा को काफी महत्वपूर्ण इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि यह कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हो रही है। साथ ही, राजधानी दिल्ली में कांग्रेस की पहली ऐसी कोई सार्वजनिक सभा की जा रही है, जिसमें 2019 चुनाव की झलक देखी जा सकती है।
राहुल ने सरकार को घेरा
जन आक्रोश रैली में राहुल गांधी का तेवर भी काफी आक्रमक दिखे। उन्होंने राफेल डील, नीरव मोदी जैसे तमाम मुद्दों को सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, लोगों ने अपनी जेब से पैसा निकालकर बैंकों में दिया, बाद में पता चला कि आपकी जेब से पैसा निकलकर नीरव मोदी की जेब में चला गया। लेकिन प्रधानमंत्री ने नीरव मोदी के खिलाफ कुछ नहीं बोला।
मैं जहां भी जाता हूं, लोगों से पूछता हूं खुश हो तो जवाब मिलता है- ‘हर मंत्री पर एक ओएसडी है आरएसएस का और नरेंद्र मोदी जी चुप. हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया था लेकिन चार साल में बेरोजगारी 8 साल में सबसे ज्यादा है. देश के किसानों का बुरा हाल है. मोदी सरकार ने 15 लोगों का ढाई लाख करोड़ का कर्ज माफ किया है लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जा रहा है. उन्होंने 60 महीने मांगे थे, लेकिन उसमें कुछ नहीं दिया। पीएम मोदी ने बेरोजगारी और गब्बर सिंह टैक्स दिया है
खुर्शीद को भी लपेटा
राहुल गांधी ने जन आक्रोश रैली में पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी में अलग-अलग राय होती हैं, सलमान खुर्शीद जी यहां बैठे हैं> कुछ दिनों पहले उन्होंने अलग राय दी, लेकिन मैं अलग राय देने वाले खुर्शीद जी की रक्षा करूंगा।’ बता दें कि पिछले दिनों सलमान खर्शीद ने पार्टी से इतर कई बयान दिए थे। जहां उन्होंने चीफ जस्टिस दीपक मिश्र के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाये जा रहे महाभियोग प्रस्ताव का विरोध किया था। सलमान खुर्शीद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस पूरी प्रक्रिया से उन्हें बाहर रखा गया था। तो वहीं खुर्शीद ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वार्षिक महोत्सव पर दिए एक बयान को लेकर भी काफी चर्चा हुई। उन्होंने वहां बाबरी मस्जिद पर छात्रों के सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस के दामन पर मुस्लिमों के खून के धब्बे हैं।
पार्टी के अध्यक्ष पद की कमान संभालने के बाद से राहुल गांधी सरकार के खिलाफ काफी आक्रमक हैं। इस जन आक्रोश रैली को भी एक तरह से राहुल गांधी का शक्ति परीक्षण ही माना जा रहा है।
रैली से पहले राहुल ने ट्वीट कर मोदी सरकार का घेराव करते हुए कहा कि सरकार के चार सालों में युवाओं को रोजगार नहीं मिला, महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिली, किसानों को अपने फसल की वाजिब कीमत और दलितों और अल्पसंख्यकों को उनके अधिकार नहीं मिले। इसके साथ ही राहुल ने लोगों से रैली में शामिल होने की भी अपील की।