विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों ने बुधवार को देशों से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का उपयोग जारी रखने की बात कही है। हालांकि साथ में ये भी कहा है कि आशंका के चलते कुछ देशों में इसके उपयोग को निलंबित होने के बाद हम इसकी सुरक्षा की जांच कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान में कहा, “डब्ल्यूएचओ ग्लोबल एडवाइजरी कमेटी ऑन वैक्सीन सेफ्टी, नवीनतम उपलब्ध सुरक्षा आंकड़ों का सावधानीपूर्वक आकलन कर रही है।”
बता दें कि कुछ देशों में कथित तौर पर एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद खून के थक्के जमने की शिकायतों के बाद जर्मनी, फ्रांस और आयरलैंड ने भी इस टीके पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि उनके देश ने एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यह रोक कम से कम मंगलवार दोपहर तक जारी रहेगी, जब यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी की ओर से इस पर राय दी जाएगी। हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन को सेफ बताया है।
मैक्रों ने यह भी उम्मीद जताई कि इस वैक्सीन का प्रयोग दोबारा शुरू हो पाएगा। उधर, जर्मनी ने भी सोमवार को कहा कि खून का थक्का जमने की रिपोर्ट्स के बाद एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का इस्तेमाल रोक दिया गया है। जर्मनी यूरोप का सबसे बड़ा देश है जिसने इस वैक्सीन पर रोक लगाई है।
नॉर्वे में कोविड-19 रोधी टीका एस्ट्राजेनेका लगने के बाद खून के थक्के जमने के गंभीर मामले सामने आने के बाद आयरलैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को इस टीके पर अस्थायी रोक लगा दी। आयरलैंड के डिप्टी चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. रोनन ग्लिन ने कहा कि नॉर्वे की मेडिसिन्स एजेंसी के मुताबिक एस्ट्राजेनेका टीका लगने के बाद वयस्कों में खून के थक्के जमने के चार मामले सामने आए, जिसके बाद इस पर रोक लगाने का कदम उठाया गया। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि टीका और इन मामलों के बीच क्या संबंध हैं, लेकिन रोक एहतियात के तौर पर लगाई गई है।
उधर, ब्रिटिश स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ब्रिटेन के दवा नियामक ने कहा है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीके सुरक्षित हैं और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इन टीकों के कारण खून के थक्के जमे हैं, जैसा कुछ यूरोपीय देशों से रिपोर्ट की गई आई है। एस्ट्राजेनेका का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ करार है।इससे पहले आयरलैंड, बुल्गारिया, डेनमार्क, नार्वे और आयसलैंड ने एहतियात के तौर पर इस टीके पर रोक लगा दी थी।