मुंबई: देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने विदेशी बाजार में एक अरब डॉलर यानी 7,124 करोड़ रुपए का बॉन्ड लॉन्च किया था लेकिन वह इससे 1.25 अरब डॉलर यानी 8,800 करोड़ रुपए जुटाने में सफल रहा। पिछले एक साल में यह किसी भारतीय कंपनी का सबसे बड़ा डॉलर बॉन्ड इश्यू था। इसमें एसबीआई ने तीन और पांच साल में भुनाए जाने वाले बॉन्ड बेचे। यह जानकारी बैंक के बॉन्ड इश्यू से वाकिफ सूत्रों ने दी। बैंक ने रेग्युलेटरी फाइलिंग में बताया कि पांच साल के 85 करोड़ डॉलर के बॉन्ड उसने 4.37 फीसदी और तीन साल के 40 करोड़ डॉलर के बॉन्ड उसने 4 फीसदी ब्याज पर बेचे हैं। इनमें ब्याज का भुगतान छमाही किया जाएगा। ये बॉन्ड बैंक की लंदन ब्रांच के जरिए इश्यू किए जाएंगे और इनकी लिस्टिंग सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज और इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज, गिफ्टी सिटी में कराई जाएगी। एक सूत्र ने बताया, ‘बॉन्ड इश्यू भारतीय समय के अनुसार बुधवार की सुबह में लॉन्च किया गया ताकि जापान और अमेरिका सहित दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। बैंक को उम्मीद थी कि निवेशक इस पर टूट पड़ेंगे क्योंकि एसबीआई की रेटिंग देश की रेटिंग के बराबर मानी जाती है।’ इससे पहले एग्जिम बैंक ने पिछले साल जनवरी में 3.89 फीसदी की यील्ड पर 10 साल के बॉन्ड बेचकर एक अरब डॉलर जुटाए थे। उसके बाद यह सबसे बड़ा इश्यू है।
पिछले साल भारतीय कंपनियों ने डॉलर बॉन्ड से कम पैसे जुटाए क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो रही थी और रुपए में भारी उतार-चढ़ाव बना हुआ था। ऐसे में एसबीआई का यह डॉलर बॉन्ड दूसरी कंपनियों के लिए नजीर बन सकता है। देश के सबसे बड़े बैंक ने बॉन्ड बेचने की जिम्मेदारी बार्कलेज, एमयूएफजी और एचएसबीसी सहित 8 विदेशी बैंकों को सौंपी थी। एसबीआई की सब्सिडियरी एसबीआई कैपिटल ने भी इसमें उसकी मदद की। मर्चेंट बैंकरों ने शुरू में कहा था कि तीन साल के लिए एसबीआई को अमेरिका में इसी अवधि के गवर्नमेंट बॉन्ड से 1.9 फीसदी अधिक ब्याज और पांच साल के लिए इसी अवधि के अमेरिकी गवर्नमेंट बॉन्ड पर मिल रही ब्याज से 2.1 फीसदी अधिक यील्ड देनी होगी। हालांकि, बुधवार शाम को तीन साल के बॉन्ड के लिए इसे 1.6 फीसदी और पांच साल के लिए 1.85 फीसदी कर दिया गया। तीन साल के अमेरिकी ट्रेजरी पर बुधवार देर रात यील्ड 2.53 फीसदी और पांच साल के लिए 2.55 फीसदी थी। एसबीआई का बॉन्ड इश्यू बुधवार आधी रात बंद हो गया।