एफडीआई के लिए क्या है प्रयास
नरेंद्र मोदी सरकार देश में अधिकाधिक एफडीआई आकर्षित करने के लिए कारोबारी सहूलियत बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है और विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई सीमा बढ़ाई गई है। हालांकि गत एक साल में विश्व बैंक के ‘कारोबार की सहूलियत सूचकांक’ में भारत का रैंक सिर्फ एक पायदान सुधर कर 130वें पर पहुंचा है। यह काफी असंतोषजनक है और इस मोर्चे पर काफी सुधार की जरूरत है।
2016-17 में सर्वाधिक एफडीआई वाले तीन बड़े क्षेत्र
सेवा क्षेत्र – 8.69 अरब डॉलर
दूरसंचार – 5.56 अरब डॉलर
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर – 3.65 अरब डॉलर
मॉरीशस – 15.73 अरब डॉलर
सिंगापुर – 8.71 अरब डॉलर
जापान – 4.71 अरब डॉलर
नीदरलैंड – 3.37 अरब डॉलर
अमेरिका – 2.38 अरब डॉलर
इन क्षेत्रों में बढ़ी है एफडीआई सीमा
बीमा क्षेत्र में 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी की गई
असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों में ऑटोमेटिक मार्ग से 100 फीसदी एफडीआई को दी गई है अनुमति
एनबीएफसी की अन्य वित्तीय सेवाओं में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति
नरेंद्र मोदी सरकार के तीन साल में देश में आई एफडीआई
2014-15 – 45 अरब डॉलर (सालाना वृद्घि दर 25 फीसदी)
2015-16 – 55.5 अरब डॉलर (सालाना वृद्घि दर 23 फीसदी)
2016-17 – 60.08 अरब डॉलर (सालाना वृद्घि दर 8 फीसदी)
2000 से मार्च 2017 तक कुल एफडीआई 484.3 अरब डॉलर
2000 से मार्च 2017 तक सर्वाधिक एफडीआई विकास दर 2006-07 में 155 फीसदी