इस्लामाबाद: फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को नया झटका दिया है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक सुधार के सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी है । मानना है कि पाक टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के 27 मानकों में से 22 पर खरा नहीं उतरा है एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान फरवरी 2020 तक एक्शन प्लान पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। इससे एक दिन पहले फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान ) की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए उसे फरवरी 2020 तक ग्रे लिस्ट में ही रखने का फैसला किया है। एफएटीएफ ने कहा कि फरवरी 2020 तक पाकिस्तान एक्शन प्लान पेश करे, नहीं तो आगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एफएटीएफ ने कहा कि अगर निर्धारित समय में पाकिस्तान कार्रवाई करने में असफल रहता है तो उसे सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें कि एफएटीएफ में पूर्ण सहमति के अभाव और इसकी अगुवाई कर रहे चीन और अन्य कुछ मुल्कों की मदद से पाक काली सूची में जाने से बच गया है। ग्रे लिस्ट में रहते हुए पाकिस्तान को फरवरी 2020 में एक बार फिर एफएटीएफ की बैठक में परीक्षा देनी होगी। मंगलवार को पेरिस में हुई बैठक में एफएटीएफ ने उन उपायों की समीक्षा की जो पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक के वित्तपोषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए हैं।
पेरिस स्थित टास्क फोर्स ने पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग को पूरी तरह से रोकने के लिए अतिरिक्त उपाय करने का निर्देश दिया है। एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है जो 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग,आतंकी फंडिंग को रोकने समेत अन्य संबंधित खतरों का मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है। भारत समेत 39 मुल्क इसके सदस्य हैं और इसके साथ ही आईएमएफ, विश्व बैंक जैसी कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं भी एफएटीएफ से जुड़ी हैं। बीते तीस सालों से काम कर रहे एफएटीएफ ने आतंक की आर्थिक रसद रोकने और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए कई पैमाने बनाए हैं जिनके आधार पर मुल्कों के वित्तीय वातावरण और संस्थाओं के कामकाज का आकलन होता है।