लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा ‘एनुअल मदर्स डे एण्ड ग्रैण्डपैरेन्ट्स डे’ समारोह का भव्य आयोजन आज सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) आॅडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। समारोह में जूनियर एवं सीनियर सेक्शन के छात्रों ने शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर अभिभावकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर विश्व एकता प्रार्थना में बच्चों ने विभिन्न देशों के राष्ट्रीय ध्वज हाथों में लेकर ‘सारे विश्व में शान्ति हो’ का जयघोष बड़े ही प्रभावशाली ढंग से किया।
समारोह का खास आकर्षण रहा कि इसमें अभिभावकों ने भी जोरदार ढंग से भागीदारी की। जहाँ एक ओर छात्रों की माताओं ने भावपूर्ण गीत की प्रस्तुति से खूब वाहवाही लूटी तो वहीं दूसरी ओर छात्रों द्वारा प्रस्तुत कव्वाली को भी खूब सराहा गया। कुल मिलाकर यह शानदार समारोह 21वीं सदी के अनुरूप सी.एम.एस. की ‘ब्राडर एवं बोल्डर शिक्षा पद्धति’ से अवगत कराने में सफल साबित हुआ।
इससे पहले समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के वाईस डीन प्रो0 शैलेन्द्र सक्सेना व विशिष्ट अतिथि मिनिस्ट्री टैक्सटाइल आफ इण्डिया के एडवाइजर मनीष त्रिपाठी, सी0एम0एस0 संस्थापक डाॅ0 जगदीश गांधी, सी0एम0एस0 प्रेसीडेन्ट प्रो0 गीता गांधी किंग्डन व स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति कश्यप ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने उपस्थित माताओं का आह्वान किया कि वे घर में बच्चों को नैतिकता एवं आध्यात्मिकता का वातावरण उपलब्ध कराकर आदर्श विश्व समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के समारोह द्वारा अभिभावकों को इस बात के लिए प्रेरित करना है कि बालक की प्रथम पाठशाला घर है। प्रत्येक बालक को अच्छा और स्मार्ट बनाने का विद्यालय का लक्ष्य अभिभावकों के सहयोग से ही पूरा हो सकता है।
सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की वरिष्ठ प्रधानाचार्या ज्योति कश्यप ने बच्चों की प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि अभिभावकों के सहयोग की बदौलत ही यह कार्यक्रम अभूतपूर्व सफल रहा है। अभिभावक ही बालक में निहित प्रतिभा को विकसित करने का सुअवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सी.एम.एस. में ऐसे प्रयास किये जा रहे है जिसके द्वारा प्रत्येक बालक ईश्वर की शिक्षाओं का पालन करें और इस बात को आत्मसात कर सकें कि मानव जाति की सेवा ही ईश्वर की सच्ची सेवा है।