चेन्नई: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते मामलों के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने की जरूरत है। नायडू ने यहां 400-बिस्तरों वाले एक नये अस्पताल एमजीएम हेल्थ केयर का उद्घाटन करते हुए कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमसी) को सुस्त जीवन शैली और अस्वस्थ आहार संबंधी आदतों की वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर लोगों, विशेषकर स्कूल और कॉलेज छात्रों, के बीच जागरूकता फैलाने के काम का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैंसर, मधुमेह और दिल से संबंधित गैर-संचारी रोगों पर बहुत खर्च आता है। बिना किसी आर्थिक तंगी के हर व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण इलाज प्रदान करने वाले यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज द्वारा इस समस्या पर एक बड़ी सीमा तक काबू पाया जा सकता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी जरूरी है।
उन्होंने कहा, “हमने पिछले पांच दशकों में शिशु और मातृ मृत्यु दर कम करने और एचआईवी और टीबी जैसी बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने में एक राष्ट्र के रूप में बहुत प्रगति की है। अब एनसीडी के बढ़ते मामले को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।”उन्होंने कहा कि 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की तरफ से जारी डेटा के अनुसार भारत में होने वाली 61 फीसदी मौतों के लिए एनसीडी जिम्मेदार है जिसमें कैंसर, मधुमेह और दिल से संबंधित बीमारियां शामिल है। नायडू ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एनसीडी क्लीनिक स्थापित करने पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह के क्लीनिक को स्थापित करने में निजी क्षेत्र को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने निजी और सरकारी क्षेत्र के डॉक्टरों से अपने-अपने इलाकों के निकटतम स्कूलों का दौरा करने और स्वस्थ्य जीवन शैली को बनाये रखने की आवश्यकता को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाने की अपील भी की।