नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है, लेकिन इस बार उनके विवादित बयान में वह खुद ही फंस गए. सिंह ने तीन मार्च को पटना में हुई एनडीए की संकल्प रैली को लेकर बयान दिया था कि जो पीएम मोदी की रैली में नहीं आएगा वो देशद्रोही होगा. लेकिन रविवार को हुई पीएम मोदी की रैली में वह खुद ही नहीं पहुंच पाए. मोदी में शामिल नहीं होने की पुष्टि उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है. उनका वह पुराना बयान और रैली में शामिल न होने का ट्वीट दोनों ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरिराज सिंह ने रैली से पहले बयान दिया था कि तीन मार्च को पटना के गांधी मैदान में होने वाली मोदी की संकल्प रैली में जो नहीं आएगा, वो देशद्रोही होगी. उन्होंने कहा था कि इस रैली से यह साबित हो जाएगा कि कौन पाकिस्तान के साथ खड़ा है और कौन हिन्दुस्तान के साथ.
बताया जा रहा है कि उन्होंने कहा था कि जो हिन्दुस्तान के साथ होगा, वह पीएम मोदी के साथ खड़े दिखेंगे और जो पाकिस्तान के साथ होंगे, वह रैली में नहीं आएंगे. रिपोर्ट्स में साथ ही यह भी बताया गया है कि गिरिराज सिंह के इस बयान को लेकर जदयू ने आपत्ति जताई थी. इसके अलावा कांग्रेस और राजद ने भी भाजपा पर निशाना साधा था. लेकिन गिरिराज सिंह खुद ही पीएम मोदी की रैली में शामिल नहीं हो पाए. उन्होंने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘दो दिन पहले नवादा से पटना आने के क्रम में अस्वस्थ हो गया. इस वजह से नरेंद्र मोदी जी की संकल्प रैली में शामिल न हो सका. विशाल रैली और प्रधानमंत्री जी के सम्बोधन को टीवी पर देखा. देश के विकास के लिए और दुश्मनों के मंसूबो को तोड़ने के लिए जनता पुनः नमो को प्रधानमंत्री बनाएगी.’ बता दें,
पीएम मोदी ने रविवार को पटना में संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता आतंकवाद, गरीबी, भ्रष्टाचार और काले धन को खत्म करने की है, लेकिन विपक्ष की प्राथमिकता मोदी को खत्म करने की है. राजग की संकल्प रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने अपनी सरकार की उपब्धियां गिनाते हुए कहा कि यह तभी संभव हो पाया है जब 2014 में आपने राजग को एक मजबूत जनादेश दिया. 2014 से लेकर अब तक का समय देश की बुनियादी आवश्यक्ताओं को पूरा करने का था. 2019 के बाद आगे का समय देश को 21वीं सदी में नई ऊंचाई पर पहुंचाने का है. पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अगर ‘महामिलावट’ वाली सरकार रहती तो न फैसले होते और न ही गरीबों का कल्याण होता.
इन लोगों की प्रवृत्ति अपना विकास करने की है. देश का विकास करने की नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘महामिलावट’ के घटक सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए जीते हैं. उन्हें देश की कोई परवाह नहीं है और न वे देश की परवाह करते हैं. यही सीख हमें उनके इतिहास और वर्तमान से मिली है. जब हमारे देश की सेना आतंकवाद को कुचलने में जुटी है, सीमा के भीतर हो या सीमा के पार आतंक के ठिकानों पर प्रहार करने में लगी है. ऐसे समय में देश के भीतर ही कुछ लोग क्या-क्या कर रहे हैं. देश की आवाज और हमारी सेना के हौसलों को बुलंद करने की बजाय वे ऐसी बातें कर रहे हैं जिससे दुश्मनों के चेहरे खिल रहे हैं.