NGT ने उत्तर प्रदेश सरकार को दूषित पानी देने वाले सभी हैंडपंपों को तत्काल सील करने के निर्देश दिए है.
लखनऊ : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के छह जिलों में काली, कृष्णा और हिंडन नदियों को प्रदूषित कर रहीं 124 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने और उनके खिलाफ मामले दर्ज करने के आदेश दिये. एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लोगों को स्वच्छ हवा और पानी प्राप्त करने का बुनियादी अधिकार है. पीठ ने इन छह जिलों के जिला मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिया कि ग्रामीणों को समयबद्ध तरीके से पेयजल प्रदान करने की कार्ययोजना पेश की जाए.
अधिकरण ने उत्तर प्रदेश सरकार को उन सभी हैंडपंपों को तत्काल सील करने के निर्देश दिए जिनसे दूषित पानी निकल रहा है. उन्होंने काली, कृष्णा तथा हिंडन नदियों की सफाई के लिए कार्ययोजना पेश करने को भी कहा. एनजीटी ने राज्य सरकारों से दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य लाभ योजनाएं बनाने को भी कहा.
याचिकाकर्ता एनजीओ दोआबा पर्यावरण समिति की तरफ से वकील गौरव कुमार बंसल ने कहा कि अधिकारियों के चिंताजनक रवैये की वजह से बच्चे मरकरी और आर्सेनिक से दूषित पेयजल पीने को मजबूर हैं जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो रही हैं.