एनजीओ सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड द्वारा बैंकों और सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर किए गए 700 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार के मुताबिक मामले में अब तक कुल 9 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। डीएम के सहायक समेत सात लोगों को कोर्ट ने शनिवार को ही जेल भेज दिया था। उसके बाद चार और गिरफ्तारी हुई है। बीती रात डिप्टी कलेक्टर रैंक के कल्याण विभाग के अधिकारी अरुण कुमार और नाजिर महेश मंडल को भी गिरप्तार किया गया था। इनके आवास से करोड़ों की जायदाद के कागजात और सृजन के दिए चेक जब्त किए गए हैं। उनसे गहन पूछताछ जारी है और सरकारी महकमों के हिसाब-किताब की पड़ताल भी चल रही है।
एसएसपी के मुताबिक दूसरे डिप्टी कलेक्टर रैंक के एक भू-अर्जन अधिकारी राजीव रंजन घपले का पर्दाफाश होने के बाद से ही फरार है। उन्हें पूछताछ के लिए बुलावा भेजा गया था मगर उनका मोबाइल बंद आ रहा है। इसी तरह सृजन की सचिव प्रिया कुमार और इनके पति अमित कुमार भी फरार हैं। उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। भू-अर्जन विभाग की ही सबसे मोटी रकम 300 करोड़ रूपए का घालमेल किया गया है। सृजन के 10 बैंक खातों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है, जो अलग-अलग बैंकों में हैं। हालांकि, उनमें बैलेंस ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
एक सवाल के जवाब में एसएसपी ने बताया कि कल्याण अधिकारी अरुण कुमार के फ्लैट पर छापे के दौरान इनकी पत्नी इंदु गुप्ता के नाम से सृजन के सचिव प्रिया कुमार के दस्तखत से जारी 10 लाख का चेक जब्त किया गया है जो बैंक ऑफ बड़ौदा का है। यानी अधिकारी घूस की रकम पत्नी के नाम से लेते थे। कागजातों में इनके लेन-देन करोड़ों में मिले हैं। वहां बरामद सोने के आभूषण की रसीद भी मिली है। इससे जाहिर होता है कि एक-एक दिन दस-दस लाख की खरीददारी की गई है। जमीन के कई कागजात भी मिले हैं। उनके पटना आवास की तलाशी लेने और छापा मारने भागलपुर से एक टीम वहां गई है।
इसके अलावे कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल के जगदीशपुर के पिस्ता गांव स्थित मकान पर पुलिस ने छापा मारा। एसएसपी बताते हैं कि उनका आलीशान कोठी सेंट्रली एयरकंडिशन युक्त है। मिले कागजात से जाहिर हुआ कि उनके निजी बैंक खातों में करोड़ों की रकम का लेनदेन हुआ है। उनके नाम का छह करोड़ रूपए का एक चेक मिला है। इसके अलावे 10 छोटी-बड़ी गाड़ियां भी उनके पास मिली हैं। इनमें ट्रक, सुमो विक्टा जैसे चार पहिए वाहन हैं। सृजन संस्था की संस्थापक स्व. मनोरमा देवी के ड्राइवर विनोद कुमार को भी दबोचा गया है। यह बैंक, संस्था और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच की कड़ी का काम करता था। इसने भी कई राज खोले हैं। इस तरह साहब-बीबी और गुलाम सृजन की गोदी में बैठे थे।
इधर भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने बयान जारी कर मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए प्रधानमंत्री को अनुरोध पत्र लिखने की बात कही है। भागलपुर के कांग्रेसी विधायक अजित शर्मा ने भी प्रधानमन्त्री को पत्र लिख सीबीआई जांच की मांग की है। बांका के राजद सांसद जयप्रकाश नारायण यादव और भागलपुर के राजद सांसद बुलो मंडल ने भी सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि इतने बड़े घपले में लिप्त वैसे लोगों का असली चेहरा बगैर सीबीआई जांच के सामने नहीं आ पाएगा।