वाशिंगटन। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही एक शिखर सम्मेलन में दोबारा मुलाकात कर सकते हैं. उनकी होने वाली इस मुलाकात को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. किम का राइट हैंड माने जाने वाले किम योंग चोल गुरुवार को अमेरिका पहुंचे. माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के शीर्ष जनरल किम योंग चोल वॉशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात कर सकते हैं. बता दें कि अमेरिका और उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण और वर्षों से चली आ रही शत्रुता को खत्म करने के लिए नए सम्मेलन की तैयारी में जुटे हैं. ऐसे में किम इस अमेरिकी दौरे को भी ट्रंप और किम के बीच होने वाली दूसरे शिखर सम्मेलन की तैयारी की प्रकिया का हिस्सा माना जा रहा है.
दो महीने पहले ही दोनों देशों के वार्ताकारों को बीच होने वाली बातचीत रद्द हो गई थी. दरअसल, उत्तर कोरिया के वार्ताकार योंग ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के साथ न्यूयॉर्क में होने वाली बातचीत को स्थगित कर दिया था. यही कारण है कि अब प्रशासन सतर्क है और वर्तमान दौरे की जानकारी समय से पहले बाहर नहीं आ पाई है. एक अमेरिकी सूत्र ने बताया, ‘पोम्पिओ शुक्रवार को वॉशिंगटन में भोजन पर किम का स्वागत करेंगे और उसके बाद दोनों व्हाइट हाउस रवाना होंगे.’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पिछले एक साल में कई बार किम जोंग उन से अगली मुलाकात की बात कह चुके हैं. बीते साल जून में सिंगापुर में हुए ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन के बाद कई बार ट्रंप ने यह बात दोहराई है. अपनी कूटनीति को लेकर बार-बार खुशी जताने वाले ट्रंप के इन बयानों से ऐसा प्रतीत होता है कि वो जल्द ही उत्तर कोरिया के नेता किम के साथ मुलाकात की जानकारी साझा कर सकते हैं.
हालांकि, दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता कब होगी, इसकी जानकारी तो नहीं है लेकिन अंदाजा लगाया जा रहा है कि फरवरी 2019 में वियतनाम या थाईलैंड में दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है. हाल के एक इंटरव्यू में पोम्पिओ ने उत्तर कोरिया के साथ एक समझौते पर पहुंचने की उम्मीद जताई थी. साथ ही कहा था कि यह समझौता एक बेहतर और सुरक्षित अमेरिका बनाने में मददगार साबित होगा. साथ ही उन्होंने संकेत दिए थे कि विश्व के दोनों दिग्गज नेताओं को लेकर होने वाले दूसरे शिखर सम्मेलन से पहले इस समझौते की संभावना कम है. दोनों नेताओं की मुलाकात को लेकर बाजार गर्म है. हालांकि, साल की शुरुआत में ही किम ने अपना तेवर दिखाते हुए अमेरिका को दो टूक जवाब दिया था कि वह बातचीत के लिए तैयार है लेकिन उन्हें अपना रुख बदलना होगा. किम ने कहा था, ‘वह 2019 में भी अमेरिका के साथ एक समिट करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वह किसी दबाव में हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिका को हम पर दबाव बनाने वाले रुख में बदलाव करने की जरूरत है. कई तरह के सेंक्शन और दबाव बनाकर अमेरिका को नॉर्थ कोरिया के संयम का टेस्ट नहीं लेना चाहिए.’