सीतापुर। नाग नागिन की लोक कथाएं पाठकों ने पहुंची सुनी होंगी और जिस पर भरोसा करने लायक कुछ भी नहीं मिलता लेकिन जो कुछ खुली आंखों से टीम ने देखा उसको देखकर टीम को हैरानी हुई कि आज के जमाने पर कहीं नागिन भी कहीं सती होती है लेकिन जो हमने आंखों से देखा उसको झुठला भी कैसे सकते है। घटना सत्य है और काफी रोचक, कई टीवी धारावाहिकों में और फिल्मों में जिसमें नगीना काफी लोकप्रिय फिल्म रही मैं देखा गया है जिस में भी नाग नागिन की काफी चर्चाएं हुई थी और आज भी होती रही और ऐसी कई अनेकानेक फिल्में और धारावाहिक नाग नागिन के ऊपर बनते आए है लेकिन घटना की सत्यता किसी में भी नहीं दिखाई जाती है ।
हमेशा से यही बताया जाता है कि काल्पनिक है और इससे जुड़ी समानता मात्र एक संयोग कहा जाएगा लेकिन यह अब हकीकत बन गया है कोई फसाना या कहावत नहीं कही जा रही है यह टीम का आंखों देखा हाल लिखा जा रहा है जनपद सीतापुर थाना सकरन अंतर्गत गांव भिठमनी में ऐसा देखा गया है जो अपने आप में हैरतअंगेज कर देने वाला है जो आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा है तो वह देखा जा सकता है यहां पर दीपावली के वक्त शाम को खेत जोतने जाते समय एक नाक की मौत हो गई थी उसके बाद वहां से एक नागिन दिखाई पड़ी और अभी तक उन नागिन वहीं पर बनी हुई जहां पर नांग की मौत हुई थी हैरतअंगेज करने वाली एक और बात सामने आई नागिन किसी पर हमला नहीं कर रही है और वहीं आसपास ही दिखाई दे रही है और खाना पीना भी उसने त्याग कर रखा है टीम ने दूध का प्याला सामने रखकर घंटों इंतजार किया परंतु नागिन ने उसमें मुंह तक नहीं लगाया जिससे यह कहा जा सकता है कि नागिन सती होने के लिए बेताब है ।
लेकिन यह घटना काफी रोचक है और ऐसा कभी-कभार ही देखने को मिलता है लेकिन जो देखा जा रहा है वह काफी है और यहां पर काफी दूरदराज से लोग भी यह घटना देखने के लिए आ रहे हैं कहने का मतलब साफ है कि घटना काफी लोकप्रिय मानी जा रही है और नागिन वहीं पर विराजमान है जहां पर नाक की मृत्यु हुई थी जिससे पौराणिक लोक कथाओं पर जो अंधविश्वास की पट्टी कही जाती थी वह आज भी विश्वास में बदल रही है और यह कहा जा सकता है कि कुदरत का करिश्मा कहीं भी और किसी भी रूप में हो सकता है इसको करिश्मा ही कहा जा सकता है क्योंकि अक्सर तर नाग नागिन या तो भीड़ पर हमला कर देते हैं या फिर भाग जाते हैं लेकिन यहां ऐसा कुछ भी नहीं देखा गया है नागिन अपनी जगह पर कायम बनी हुई और कहने वालों के लिए जो फसाना था वह फसाना नहीं बल्कि पूरी हकीकत में बदल गया है।