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उ प्र में कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री योगी ने किसानों को सम्मानित किया

 लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में पहली बार गांव, गरीब, किसान, नौजवान सरकार के मूल एजेण्डे में आया है। किसानों से सम्बन्धित सभी विभाग किसानों का हित सर्वोपरि रखकर, आसानी से उनकी समस्याओं के समाधान तथा सरलता से शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रदेश की खुशहाली किसानों की समृद्धि से जुड़ी हुई है। इसलिए राज्य सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था बनाकर किसानों के लिए अधिकाधिक सुविधाएं सुनिश्चित की हंै, जिससे प्रदेश तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है।
मुख्यमंत्री आज यहां अवध शिल्प ग्राम में ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के अवसर पर कृषि, राजस्व एवं खाद्य व रसद विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 10 महीने में किसानों के खाते में 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि डिजिटल पेमेन्ट के माध्यम से सीधे ट्रांसफर की है। 5300 से अधिक गेहूं क्रय केन्द्रों के माध्यम से किसानों से सीधे 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद कर उनके बैंक खाते में 6 हजार पांच सौ करोड़ से अधिक की धनराशि अन्तरित की गयी है।
योगी ने कहा कि आलू के किसानों को आवश्यक सुविधाएं और बेहतर मूल्य दिलाने के लिए उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है। राज्य सरकार एक वर्ष के अन्दर 20 हजार सोलर पम्प वितरित करने जा रही है। इन पम्प पर सब्सिडी भी दी जा रही है। सोलर पम्प से बिजली की खपत भी कम होगी। वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए गड्ढे के निर्माण हेतु सब्सिडी की व्यवस्था की गयी है। एक गड्ढे को बनाने में 08 हजार रुपए की लागत आती है। इसमें से 06 हजार रुपए सब्सिडी के रूप में देने की व्यवस्था की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने एक पारदर्शी और भेदभाव रहित व्यवस्था बनायी है। बिजली की आपूर्ति बिना किसी भेदभाव के रोस्टर के अनुसार की जा रही है। ग्रामीण इलाकों में 18 घण्टे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था है। अच्छी और सुविधायुक्त मण्डियां किसानों और व्यापारियों के लिए उपयोगी है। इसके दृष्टिगत वर्तमान राज्य सरकार ने मण्डियों की व्यवस्था को बेहतर बनाया है। मण्डियों में पंजीकरण की धनराशि 01 लाख रुपए से कम करके 10 हजार रुपए की गयी है। मण्डी को आॅन लाइन किए जाने के साथ ही, रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को भी आॅन लाइन किया गया है। मण्डियों में साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। निर्वाचन देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार है। देश में निर्वाचन की प्रक्रिया संविधान के अनुरूप, जाति, धर्म, लिंग जैसे भेदों से परे है। राज्य सरकार संविधान और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की भावनाओं के अनुरूप ‘सबका साथ सबका विकास’ मूल मंत्र के साथ जनकल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के सम्बन्ध में किसानों को बेहतर व्यावहारिक जानकारी है। किसान का व्यावहारिक ज्ञान और कृषि वैज्ञानिकों का तकनीकी ज्ञान मिलकर प्रदेश में कृषि विकास को वृहत्तर आयाम दे सकता है। इसलिए किसानों को तकनीक से जोड़ना आवश्यक है। प्रदेश में 04 कृषि विश्वविद्यालय हैं। साथ ही, 69 कृषि विज्ञान केन्द्र भी कार्यरत हैं। राज्य सरकार 20 और कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना करने जा रही है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने द मिलियन फार्मर्स स्कूल (किसान पाठशाला) के सम्बन्ध में सी0डी0 और पुस्तिका ‘यात्रा के सोपान’ का विमोचन, कृषि विभाग की वेबसाइट तथा किसानों के लिए ‘बाजार मूल्य की खोज’ वेबसाइट का शुभारम्भ तथा मण्डी समितियों के ट्रेडर्स/पंजीकृत कमीशन एजेण्ट हेतु ई-लाइसेंस सुविधा का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने चकबंदी विभाग की वेबसाइट तथा चकबंदी वादों की कम्प्यूटरीकृत प्रबन्धन प्रणाली का शुभारम्भ भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में उपलब्धियों के लिए किसानगण श्री भारत भूषण त्यागी, श्री जय प्रकाश सिंह, श्री रघुपत सिंह, श्री संजय कुमार श्रीवास्तव, श्री परवेज खान, श्री रामवीर सिंह चैहान, श्रीमती विजया यादव, श्री रेशम सिंह, श्री अमरीक सिंह, श्री दिनेश कुमार माहेश्वरी तथा श्री जगदीश प्रसाद को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने सोलर पम्प, वर्मी कम्पोस्ट, एग्री जंक्शन, कस्टम हायरिंग के लाभार्थियों को चयन पत्र का, 10 खातेदारों/सहखातेदारों को अंश निर्धारित खतौनी का वितरण, तीन व्यापारियों को मण्डी परिषद द्वारा निर्गत ई-लाइसेन्स तथा 10 पी0एस0जे0जे0वाई0 एवं पी0एम0एस0बी0आई0 के तहत बीमित लाभार्थियों को बीमा प्रमाण पत्र का वितरण भी किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने नेतृत्व में प्रदेश के कृषि विभाग ने अनेक रिकार्ड बनाए हैं। इस वर्ष 154 लाख मीट्रिक टन धान का उत्पादन एक रिकार्ड है, जो समय पर कृषि निवेशों की उपलब्धता सुनिश्चित करने से सम्भव हुआ है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में उत्पादकता भी बढ़ी है। साथ ही, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और छुट्टा पशुओं की समस्या के निदान के लिए भी उल्लेखनीय कार्य हुआ है। मिलियन फार्मर्स स्कूल के माध्यम से किसानों को मृदा परीक्षण और अन्य उपयोगी जानकारियां दी गयी हैं।
राजस्व परिषद के अध्यक्ष प्रवीर कुमार ने राजस्व विभाग के सहखातेदारों के अंश निर्धारण के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही तथा कृषि उत्पादन आयुक्त आर0पी0 सिंह ने कृषि और कृषि विपणन के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और उपलब्धियों के सम्बन्ध में जानकारी दी।
प्रदेश सरकार के मंत्रिगण एस0पी0 सिंह बघेल, श्रीमती अनुपमा जायसवाल, सुरेश राणा, श्रीमती स्वाती सिंह, अतुल गर्ग,  रणवेन्द्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी सिंह’, जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव कृषि  अमित मोहन प्रसाद सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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