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उ प्र चिकित्सा – स्वास्थ्य विभाग से एक आउटसोर्सिंग कम्पनी को जिलों में कार्य देनें के जारी शासनादेश से हड़कम्प , शासनादेश निरस्त

लखनऊ : उ प्र चिकित्सा – स्वास्थ्य विभाग से एक आउटसोर्सिंग कम्पनी को जिलों में कार्य देनें के शासनादेश से हड़कम्प मच गया है। इस शासनादेश में एक मैनपावर सप्लाई कम्पनी का जिक्र करते हुए उसके माध्यम से आधा दर्जन से अधिक जिलों में संविदा कर्मचारिओं की तैनाती करने की बात कही गयी है। इस शासनादेश के जारी होने के कुछ दिन बाद ही विशेष सचिव स्तर के अधिकारी ने इसे फ़र्ज़ी / संदिग्ध मानते हुए निरस्त कर दिया।  प्रमुख सचिव के निर्देश पर इस फ़र्ज़ी शासनादेश की जाँच करवाई जा रही है। चिकित्सा स्वास्थ्य अनुभाग – एक के अनुसचिव के नाम से 13 जुलाई 2018 को एक शासनादेश जारी किया गया था। डी जी हेल्थ को भेजे गए इस शासनादेश में आदेश था कि नए सिरे से मैनपावर लिए जाने के सम्बन्ध में सेवा प्रदाता के चयन के लिए ई – टेंडरिंग की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए नई एजेन्सी का चयन होने तक अल्फ़ा टू ओमेगा फाइनेंसियल सर्विसेज़ कम्पनी के माध्यम से आउटसोर्सिंग / संविदा पद भरने का निर्णय लिया गया है। इस शासनादेश में पीलीभीत , संभल , लखीमपुर खीरी ,जौनपुर ,गाज़ीपुर ,मऊ  एवं अलीगढ़ के जिला चिकित्सालयों / पीएचसी / सीएचसी में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को तत्काल भरने का निर्देश भी दिया गया था।

प्रदेश के सभी सीएमओ – सीएमएस को शासनादेश की कॉपी भेजी गयी थी। शासनादेश के डी जी कार्यालय पहुँचते ही हड़कंप मच गया परन्तु शासनादेश पर कोई कार्यवाही होने से पूर्व ही संयुक्त सचिव राम नगीना मौर्या के हस्ताक्षर से जारी उपरोक्त शासनादेश के निरस्तीकरण सम्वन्धी सूचना डी जी कार्यालय सहित प्रदेश के सभी सीएमओ – सीएमएस को भेज दी गयी। सचिव – चिकित्सा स्वास्थ्य वी हेकाली झिमोमी ने बताया कि प्रथम दृष्टया फर्जी लग रहा शासनादेश तत्काल ही निरस्त कर दिया गया था तथा अनुभाग – एक व अन्य संदिग्ध लोगों की जाँच करवाई जा रही है।

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