देहरादून : गुरुवार तड़के जहां देहरादून के लोग उमस से परेशान रहे तो वहीं हरिद्वार में हुई झमाझम बारिश से जलभराव के हालात पैदा हो गए। सुबह दस बजे के बाद देहरादून में बारिश शुरू हुई। जिससे गर्मी और उमस से कुछ राहत मिली। रुड़की में भी आज सुबह भारी बारिश हुई। उधर, बुधवार को देर रात बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ में भारी मलबा व बोल्डर आने से यातायात अवरुद्ध हो गया है। हाईवे लैंड स्लाइड से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। अन्य चारधाम यात्रा रूट सुचारू हैं। आज सुबह हुई बारिश से उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में बरसाती नाले उफान पर आ गए हैं। वहीं पिथौरागढ़ में बारिश से एक मकान ढह गया है। जिसमें दबने से एक की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए हैं। बारिश से चंपावत जिले के टनकपुर में उफनाए किरोड़ा नाले में बाइक सवार युवक बहने से बाल-बाल बचा। उसकी बाइक नाले में बह गई जो अब तक नहीं मिली है।
युवक पीलीभीत के जमनिया का रहने वाला है, जो यहां राजमिस्त्री का काम करता है। नाले के उफान से पूर्णागिरि मार्ग में कई घंटे से बंद पड़ा हुआ है। नैनीताल जिले के कालाढूंगी में आज सुबह हुई भारी वर्षा के चलते मेथी शाह नाला उफान पर आ गया। जिस कारण नाले के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। दो घंटे के बाद यातायात सुचारू हुआ। वहीं पिथौरागढ़ के गणाई ढनोलासेरा में बारिश से एक मकान ढह गया। हादसे में एक की मौत हो गई है और 15 लोग घायल हैं। घायलों में से एक की हालत गंभीर बताई गई है। भारी बारिश से चंपावत में हाईवे सिन्याडी के पास बंद पड़ा हुआ है। राजधानी देहरादून में अगस्त की गर्मी ने पिछले 12 साल का नया रिकॉर्ड बनाया है। वर्ष 2007 के बाद पहली बार बुधवार को अगस्त में दून का अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री रहा।
इससे पहले पिछले 10 वर्षों के दौरान केवल 2016 में अगस्त का अधिकतम तापमान 35 डिग्री पहुंचा था। तब चार अगस्त को अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। उसके अलावा पिछले 12 वर्षों के दौरान कभी भी अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक नहीं पहुंचा। अगस्त के दौरान 2017 में 34.2, 2016 में 35.2, 2015 में 32.9, 2014 में 33.5, 2013 में 34, 2012 में 33, 2011 में 33.6, 2010 में 33.2, 2009 में 33.4 और 2008 में 32.8 डिग्री सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया था। ऑल टाइम रिकॉर्ड पांच अगस्त 1949 का है, जब अधिकतम तापमान 37.2 डिग्री तक पहुंच गया था। मानसून सीजन में प्रदेश के नौ जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। मौसम केंद्र के आंकड़ों के अनुसार पौड़ी जिले में 47 फीसदी कम बारिश हुई है।
इसके अलावा अल्मोड़ा में 21, चमोली में एक, चंपावत में 31, देहरादून में 39, टिहरी में 39, हरिद्वार में 33, नैनीताल में 16, पिथौरागढ़ व रुद्रप्रयाग में 21-21, ऊधमसिंह नगर में 18 और उत्तरकाशी में 39 फीसदी कम बारिश हुई है। प्रदेश में ओवरऑल 26 फीसदी कम बारिश हुई है। 19 फीसदी कम या ज्यादा बारिश को सामान्य ही माना जाता है। उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में चार सितंबर तक बारिश के हालात बने रहेंगे। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार इस दौरान ज्यादातर क्षेत्रों में एक से दो दौर की बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर चमक और गरज के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। आज भी राजधानी दून और आसपास के इलाकों में बादल छाए रहेंगे। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान तीन से पांच डिग्री तक अधिक रह सकता है।