अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के एक सहयोगी दल ने केंद्र सरकार के कानूनों के खिलाफ महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया है। जिसको लेकर अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने लखनऊ में कहा कि किसानों के मुद्दों पर संवेदनशीलता बरतते हुए उनका हल निकाला जाना चाहिए।
इसके साथ ही मंत्री पटेल ने दावा किया कि उनकी पार्टी हमेशा किसानों के साथ रही है। इस बयान के बाद पटेल एक और नेता बन गईं, जो भाजपा के सहयोगी खेमे से होने के बावजूद किसान आंदोलन के पक्ष में उतरीं हैं।
केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री अनुप्रिया पटेल के बयान के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया कि ‘हमारी पार्टी हमेशा किसानों साथ खड़ी रही है।
किसानों से जुड़ी हर किसी भी समस्या को संवेदनशीलता के साथ सुना जाना चाहिए। सरकार के साथ बातचीत के माध्यम से ही मसलों को सुलझाया जाना चाहिए।’ सोमवार को पटेल के इस बयान के बाद उप्र भाजपा के सहयोगियों के रुख को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है।
पटेल से पहले रविवार को सांसद वरुण गांधी ने भी किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था। मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत को लेकर गांधी ने कहा था, ‘विरोध करने के लिए लाखों किसान जुट रहे हैं।
वो हमारे ही समाज के हिस्से हैं। हमें सद्भाव के रवैये के साथ उनके साथ फिर जुड़ना चाहिए। उनका दर्द और उनका नजरिया समझकर उनके साथ किसी साझे विचार पर सहमति बनानी चाहिए।’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार यह बात दोहरा चुकी है कि 10 राउंड की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है, क्योंकि केंद्र का मत यही है कि कानून वापस लेना कोई तर्कसंगत मांग नहीं है।