पटना: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और शहीद जगदेव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के बाद रालोसपा अध्यक्ष ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर आरोपों पर सफाई दी. इससे पहले ट्वीट कर उन्होंने आरोपों पर बयान जारी किया था. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने लगाये गये आरोपों की जांच किसी से भी कराने को पूरी तरह से तैयार हूं. साथ ही कहा कि टिकट का अभी बंटवारा ही नहीं हुआ है, तो मैंने टिकट कैसे बेच दिया. कोई भी मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सकता है.
उपेंद्र कुशवाहा ने ने कहा कि आजकल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनकी बहुत करीबी हो गयी है. अपने द्वारा लगाये कथित आरोपों की सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार से अनुशंसा करा दें. रालोसपा अध्यक्ष ने स्वीकार किया कि प्रदीप मिश्रा ने टिकट के लिए आग्रह किया था. वहीं, प्रदीप मिश्रा द्वारा पैसे दिये जाने को लेकर सफाई देते हुए कहा कि मुझे पैसों की जरूरत थी. हमारी पार्टी छोटी है. ऐसे में कोई खुशी से पैसा देता है, तो उसे लेने में क्या हर्ज है. पैसे लेना कोई अपराध तो नहीं है. वहीं, मीडियाकर्मियों द्वारा पैसे लौटाये जाने की बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह हमारा आपसी मामला है. इसमें किसी की दखलंदाजी ठीक नहीं. मालूम हो कि इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और शहीद जगदेव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा ने केवल उन्हें ही नहीं बल्कि पार्टी के अन्य पदाधिकारियों को भी धोखा दिया है.
नागमणि के साथ रालोसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप मिश्रा ने भी उपेंद्र कुशवाहा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे पांच साल से उनके साथ थे. उपेंद्र कुशवाहा के बैंक अकाउंट में 45 लाख रुपये दिये. ड्राफ्ट से 55 लाख रुपये दिये. वहीं, मोतिहारी सीट से चुनाव लड़ने की बारी आयी, तो माधव आनंद से नौ करोड़ रुपये लेकर टिकट दे दिया. उनके साथ संवाददाता सम्मेलन में पूर्व रालोसपा नेता प्रो अभयानंद सुमन पटेल, संतोष कुमार प्रसाद, राजीव जायसवाल, क्रांति प्रकाश, सत्येंद्र कुमार, मनोरंजन कुशवाहा, संजीत कुमार सिंह, अमरेंद्र वर्मा, मनीषा शर्मा और चुन्ने खां सहित अन्य नेता शामिल रहे.