अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के असोहा थाना क्षेत्र में बेसुध पाई गई एक दलित किशोरी की हालत में अब सुधार होने लगा है और शनिवार को उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया। कानपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने कहा कि लड़की की हालत में सुधार दिखने के बाद डाक्टरों ने उसे वेंटिलेटर से हटाने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि लड़की अभी भी पुलिस से बात करने और घटना के बारे में बताने की स्थिति में नहीं है।
गौरतलब है कि असोहा थाना इलाके के बबुरहा गांव में गत 17 फरवरी की शाम खेतों पर घास लेने गईं तीन दलित किशोरियों के एक खेत में संदिग्ध अवस्था में बेसुध पाए जाने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। चिकित्सकों ने दो किशोरियों को मृत घोषित कर दिया था, जबकि एक अन्य किशोरी को गंभीर हालत में उन्नाव अस्पताल ले जाया गया और बाद में उसे कानपुर रेफर कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, ”चिकित्सक उसकी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और उचित देखभाल कर रहे हैं। किशोरी की सुरक्षा के लिए अस्पताल में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।” विषाक्तता के एक संदिग्ध मामले में किशोरी को उन्नाव से कानपुर स्थानांतरित किया गया था। कानपुर के रीजेंसी अस्पताल द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन में बताया गया कि उपचार के तीसरे दिन लड़की को वेंटिलेटर से हटा लिया गया है और उसकी हालत में अब सुधार हो रहा है।”