अशाेेेक यादव, लखनऊ। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश में दखल देने से इनकार कर दिया है।
याचिकाकर्ताओं ने उत्तरकुंजी विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए इसे पलटने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने डबल बेंच के आदेश को सही बताया है।
शीर्ष अदालत ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्तरकुंजी पर विवाद खड़ा करना अब कल्चर बन गया है। शीर्ष अदालत ने उत्तर माला कुंजी विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के निर्णय पर टिप्पणी करते हुए कहा, सिंगल बेंच जज एक्सपर्ट की तरह बर्ताव कर रहे हैं।
बता दें कि सहायत शिक्षक भर्ती के लिए काउंसिलिंग शुरू होते ही कुछ विवादित प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 3 जून को भर्ती पर रोक लगा दी थी। सिंगल बेंच ने विवादित प्रश्नों और उनके उत्तरों को यूजीसी पैनल के पास भेजने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के इस आदेश को प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के सामने चुनौती दी। 12 जून को लखनऊ खंडपीठ के जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया।
योगी सरकार के लिए मुसीबत बन चुकी यह शिक्षक भर्ती सुप्रीम कोर्ट की इस राहत के बाद भी अदालत से बाहर नहीं निकल पाएगी। हालांकि कटऑफ को लेकर शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 37339 पदों को होल्ड रखने का आदेश बरकरार है।
शीर्ष अदालत के पिछले आदेश के अनुसार योगी सरकार अभी भी इस भर्ती में 37339 पदों को होल्ड रखकर भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी। डबल बेंच ने भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 37339 पदों को छोड़कर सरकार काउंसिलिंग कर अभ्यर्थियों को तैनाती दे सकती है। डबल के इसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनाती दी गयी थी।
अदालत टायल के अलावा इस भर्ती मामले में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा और पैसा लेकर अभ्यर्थियों को पास कराने वाले गैंग का भी खुलासा हुआ है। हाल ही में प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में मास्टरमाइंड सहित कई लोगों को गिरफतार किया था। विपक्ष द्वारा सवाल उठाने पर योगी सरकार ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी है।