उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने रविवार को मलीहाबाद तहसील में लखनऊ मंडल की समीक्षा बैठक की। बैठक में राजस्व निरीक्षक पद पर सरकार द्वारा लेखपालों का कोटा 76 प्रतिशत किए जाने का सभी ने स्वागत किया।
लेखपालों ने अपनी छ: सूत्रीय मांगे उठाते हुए अपना पदनाम, शैक्षिक योग्यता, ग्रेड पे, वेतन विसंगतियां, लैपटॉप व स्मार्ट फ़ोन दिए जाने की सरकार से मांग की। संघ ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी नहीं किया गया तो बड़ा आन्दोलन किया जायेगा।
संघ के प्रदेश महामंत्री बृजेश श्रीवास्तव ने कहा कि हमारी मांगे लम्बे समय से लंबित हैं। नए मुख्यमंत्री से भी मिल कर उन्हें अवगत कराया गया था। उन्होंने मांगे पूरा करने का आश्वासन दिया था। वावजूद इसके एक भी मांग पूरी नहीं हुई।
कोषाध्यक्ष विनोद कश्यप ने बताया कि एंटी भूमाफिया टास्क फ़ोर्स तो गठित की गयी है लेकिन अवैध कब्ज़ा हटवाने कोई नहीं जाता। वहां केवल लेखपाल को आगे कर दिया जाता है। अधिकारी न तो स्वम् जाते हैं न ही जेसीबी की ब्यवस्था करते हैं। यहाँ तक कि जेसीबी का भुगतान भी लेखपालों से करवाया जाता है। लेखपाल अब ये शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगे।
आडिटर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि लेखपालों के नई भर्ती की परीक्षा अभी तक नहीं हुई है। एक साल से ज्यादा का समय बीत चूका है। इस कारण न तो इन्क्रीमेंट लग पा रहा है, न वेतन का लाभ मिल पा रहा है और न ही नई पेंशन स्कीम की कटौती ही हो रही है। लैपटॉप और इन्टरनेट भत्ता भी अब तक नहीं मिल रहा है।