लखनऊ। टेक्नोलॉजी की तरक्की न्यूनतम चीर-फाड़ वाली कैंसर सर्जरी भी अब आम बात हो गई है। इस बात की जानकारी लेकिन आम लोगों को अभी नहीं है,आवश्यकता है कि लोगों को कैंसर सर्जरी के बारे में बताया जाए। आनकोलॉजी के क्षेत्र में हालिया तरक्की के कारण कैंसर का अब पूरी तरह इलाज संभव है।
इसके अलावा शुरुआती डायग्नोसिस कराने से ना सिर्फ मरीज के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है,बल्कि उसके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है। यह कहना है मैक्स इंस्टीट्यूट आफ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉक्टर हरित चतुर्वेदी का।
डॉ. हरित चतुर्वेदी आज हजरतगंज स्थित एक निजी होटल में आयोजित स्वास्थ्य जन जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। डॉक्टर हरित चतुर्वेदी ने कहा कि कैंसर की इलाज पद्धतियों में आये नई तकनीक की बदौलत आखिरी चरण में भी पहुंच चुके कई तरह के कैंसर का इलाज संभव हुआ है, बीते कुछ सालों के दौरान मरीज के जीवित बचने की दर पहले की अपेक्षा बेहतर हुई है ,मसलन छोटा कट तेज रिकवरी,कम दर्द, अस्पताल में कम समय तक रहने की नौबत और सर्जरी के बाद बहुत कम परेशानियां देखी जा रही है।
उन्होंने बताया कि ग्लोबाकैन 2020 के हालिया आंकड़ों के मुताबिक कैंसर के सभी मामलों में प्रमुख रूप से सिर और गर्दन के कैंसर 24% से अधिक पाए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 2.75 लाख मामले सामने आए थे।उन्होंने बताया कि कैंसर के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में पाए गए हैं,जो चिंता का विषय है।
इस अवसर पर मैक्स इंस्टीट्यूट आफ कैंसर केयर में ब्रेस्ट एंड ऑनकोप्लास्टिक कंसलटेंट सर्जन डॉक्टर अदिति के मुताबिक नई तकनीक के चलते मरीजों को बेहतर परिणाम मिल रहा है। हम कोशिश करते हैं कि मरीज की जान बचाने के साथ उसकी क्वालिटी आफ लाइफ में गुणवत्ता बनी रहे।