उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया एक साल बाद शुरू हो सकी है। उच्च शिक्षा निदेशालय को असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 3900 पदों की सूचना पिछले वर्ष यानी 2020 फरवरी में मिली थी। तब से बेरोजगार इस भर्ती के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।
जो अब खत्म हो सका। पिछले साल फरवरी में रिक्त पदों की जानकारी मिलने के बाद निदेशालय ने पदों का सत्यापन कराया था। इसके बाद निदेशालय ने फरवरी के पहले सप्ताह में शासन को रिक्त पदों का ब्योरा भेजते हुए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भर्ती शुरू करने के लिए अधियाचन भेजने की अनुमति मांगी थी। अनुमति मिलती इससे पूर्व लॉकडाउन लग गया था।
लॉकडाउन की वजह से प्रक्रिया सुस्त पड़ी थी। जून 2020 में शासन ने निदेशक को पत्र भेजकर पूछा था कि क्या इससे पूर्व भी आयोग को भर्ती के लिए अधियाचन भेजने की अनुमति शासन से मांगी गई है? जवाब में निदेशालय ने शासन को लिखकर भेजा था कि शासन स्तर पर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को समाप्त कर नए आयोग के गठन की प्रक्रिया प्रचलित है इसलिए अनुमति मांगी जा रही है।
अगर शासन की अनुमति हो तो भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधियाचन आयोग को भेज दिया जाए। बहरहाल शासन से अनुमति मिलने और बाद में क्षैतिज आरक्षण को लेकर पेच फंस जाने के कारण भर्ती प्रक्रिया शुरू करने में देरी हुई और पूरे एक साल के बाद अब बेरोजगार अभ्यर्थियों का इंतजार खत्म हो सका।
लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की व्यवस्था शुरू होने के बाद पदों की संख्या के लिहाज से यह आयोग की सबसे बड़ी भर्ती है। आयोग ने विज्ञापन संख्या 46 से लिखित परीक्षा शुरू की है। विज्ञापन संख्या 46 में 45 विषयों के 1652 पद थे जबकि इसके बाद आए विज्ञापन संख्या 47 की भर्ती में 35 विषयों के 1150 पद शामिल थे।
– उच्च शिक्षा निदेशालय को पिछले साल फरवरी में मिली थी रिक्त पदों की जानकारी
– पहले लॉकडाउन फिर नए आयोग के गठन और आरक्षण के पेच में अटकी थी भर्ती