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उत्तर प्रदेश में असुरक्षा के वातावरण के चलते जनता डरी और सहमी: अखिलेश यादव

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में असुरक्षा के वातावरण के चलते जनता डरी और सहमी है। प्रशासन पंगु है जब कि अपराधिक तत्व खुलेआम सरकार को चुनौती दे रहे हैं। अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर भी लाठियां चलाकर अपनी बर्बर मानसिकता का प्रदर्शन कर रही है। लोकतंत्र में मनमानी, अन्याय और अत्याचार के लिए कोई स्थान नही हो सकता है। लोकसभा चुनावों के बाद से ही भाजपा राज में समाजवादी कार्यकर्ताओं की हत्याओं की कई घटनाएं लगातार हो रही है। 24 मई 2019 की रात लगभग 9 बजे गाजीपुर के जिला पंचायत सदस्य विजय यादव उर्फ पप्पू यादव की हत्या कर दी गई।

31 मई 2019 को गौतमबुद्धनगर जनपद के दादरी विधानसभा अध्यक्ष रामटेक कटारिया की हत्या हो गई। ग्रेटर नोएडा में सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र में 130 मीटर रोड पर पैरामाउट के पास सपा नेता बृृजपाल राठी को भी गोली मारी गई। उनकी दशा गंभीर है। राजधानी लखनऊ में बंथरा के नारायणपुर गांव में तड़के सुबह तीन घरों में डकैती पड़ी। डकैत 50 लाख की लूट के साथ एक व्यक्ति को बुरी तरह घायल कर गए। घरवालों को बंधक बनाकर लूटपाट की गई। लूट, ठगी, अपहरण, हत्या और दुष्कर्म की घटनाएं तो कोई दिन नहीं जाता जब न घटती हों। बहुत से मामले तो पुलिस छुपा ले जाती है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में भर्ती परीक्षाओं के मनमाने स्थगन से नौजवान अम्यर्थी बुरी तरह आक्रोशित हैं। सरकार अपनी गलतियों की सजा नौजवानों को दे रही है आज नौजवानों ने प्रयागराज में सुभाष चैक पर जब आयोग की धांधलियों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करते हुए बूट पालिस की तो प्रशासन ने बौखलाकर उन पर लाठियां बरसाई और कई युवाओ को हिरासत में ले लिया। बेरोजगारी से तंग नौजवान भीख मांगने को मजबूर हैं। लोकसेवा आयोग उ0प्र0 द्वारा 2017 से अब तक हुई परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो, परीक्षा नियंत्रक के कार्यकाल की सभी परीक्षाएं निरस्त हों, घोटाले के दोषी सभी अधिकारी बर्खास्त किए जाएं तथा प्रिंटिग प्रेस व अन्य संवेदनशील कार्य यूपी एससी के अधीन हों। भाजपा राज में नकली और जहरीली शराब का धंधा खुलेआम चलता है। कानपुर देहात में सड़क किनारे अवैध ठेके चलते हैं।

बाराबंकी, सीतापुर सहित कई जिलो में अवैध शराब की भट्ठियां धधकती हैं। आबकारी और पुलिस की मिलीभगत से धंधा चलता है और लोगों की जिंदगी से खेल होता है। मौतों पर जब हल्ला मचता है तो कुछ कार्यवाहियों की आड़ लेकर फिर सब सामान्य हो जाता है। सरकार का यह रवैया गैर जिम्मेदाराना है। जाहिर है, भाजपा सरकार प्रदेश की जनता पर अपनी मनमानी थोपना चाहती है। उसे लोकसभा चुनाव के नतीजों से शायद भ्रम हो गया है कि वे जनता पर चाहे जितनी महंगाई थोप दें, शराब तस्करों को लोगों की जानें लेने की छूट दे दें, संविधान प्रदत्त अधिकारों पर भी बंदिश लगा लें जनता कुछ नहीं बोलेगी। लेकिन वे यह न भूले कि ‘‘जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करती है‘‘। उत्पीड़न और नफरत की राजनीति के दिनों की ज्यादा उम्र नहीं होती है।

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