अशाेक यादव, लखनऊ। औद्योगिकरण, बुनियादी ढांचे में सुधार, बढ़ती कारोबारी गतिविधियां और अन्य आर्थिक सुधारों के चलते राज्य की आर्थिक स्थिति तेजी से बेहतर हो रही है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत तक ‘राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद’ 21 लाख 73 हजार 390 करोड़ रुपये के करीब पहुंच जाने का अनुमान बजट में किया गया है। राज्य की आबादी 23 करोड़ मानी जाए तो इस जीएसडीपी से प्रति व्यक्ति आय करीब 94495 रुपये हो जाएगी।
अर्थ एवं संख्या प्रभाग राज्य नियोजन संस्थान उत्तर प्रदेश के आंकड़ों के मुताबिक, पांच वर्ष पूर्व 2016-17 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय 50942 रुपये थी। इस लिहाज से नए वित्तीय वर्ष के अंत तक प्रति व्यक्ति आय इस आंकड़े के दोगुना के करीब पहुंच जाएगी।
यह आंकड़े अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन में हो रहे बेहतर सुधार का संकेत दे रहे हैं। हालांकि अब भी राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय के मामले में यूपी पड़ोसी राज्यों में बिहार को छोड़ अन्य से पीछे हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय उत्तर प्रदेश से अच्छी है।
नियोजन विभाग के 2017-18 के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी की प्रति व्यक्ति आय 58821 रुपये थी। वहीं पड़ोसी राज्य बिहार में प्रति व्यक्ति आय 38631 रुपये, मध्य प्रदेश में 82291 और राजस्थान में 99487 रुपये थी। प्रति व्यक्ति आय के मामले में दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटका, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल तथा पंजाब जैसे राज्य अन्य राज्यों से काफी आगे हैं।
सोमवार को पेश राज्य सरकार के बजट आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 19 लाख 40 हजार 527 करोड़ रुपये है। वहीं नये वित्तीय वर्ष 2021-22 में एसजीडीपी बढ़कर 21 लाख 73 हजार 390 करोड़ रुपये हो जाएगी। यह धनराशि चालू वित्तीय वर्ष के मुकाबले 2 लाख 32 हजार 863 करोड़ रुपये अधिक है।
विकास के साथ ही राज्य की ऋणग्रस्तता भी बढ़ रही है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य की कुल ऋणग्रस्तता 565909.69 करोड़ रुपये है। नये वित्तीय वर्ष 2021-22 में ऋणग्रस्तता 611161.85 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान बजट में किया गया है। 23 करोड़ आबादी में इन कर्जों को बांटा जाए तो 2021-22 में प्रति व्यक्ति कर्ज 26572 रुपये होगा। 2020-21 में प्रति व्यक्ति कर्ज 24604 रुपये है। यानी विकास के साथ ही राज्य में प्रति व्यक्ति कर्ज के आंकड़ों में 1968 रुपये की वृद्धि हो जाएगी।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही राज्य में औद्योगिक और कारोबारी गतिविधियों को तेज करने का बेहतर माहौल सरकार ने दिया। इंवेस्टर्स समिट में बड़े निवेश आए हैं। एमएसएमई के माध्यम से बड़ी तादाद में लोगों ने उद्यम की स्थापना कर लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है। हर क्षेत्र में विकास के कारण राज्य के लोगों की आर्थिक स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। कृषि के विविधिकरण से ग्रामीण इलाके की आय बढ़ी है और यूपी ईज़ आफ डूइंग बिजनेस में दूसरे नंबर पर आया है। यही कारण है कि पांच साल के अंदर ही राज्य में प्रति व्यक्ति आय दोगुने के करीब पहुंच रही है।