अशाेक यादव, लखनऊ। वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट से उत्तर प्रदेश के एमएसएमई क्षेत्र में बड़ी क्रांति नजर आएगी।
इस वित्तीय वर्ष में करीब 33 लाख नए एमएसएमई राज्य में स्थापित होंगे।
प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ उद्योगों के अनुकूल राज्य की नीतियां इस बड़े लक्ष्य का आधार बनेंगी।
इतने नए उद्योगों की स्थापना से राज्य में करीब 1.20 करोड़ से अधिक रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे।
केंद्रीय बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए किए गए बजट आवंटन से उत्तर प्रदेश को होने वाले लाभ का आंकड़ा इस समय आमजन के बीच पहुंचाया जा रहा है।
भाजपा द्वारा चलाए जा रहे बजट संगोष्ठियों में केंद्रीय मंत्री इन आंकड़ों को रख रहे हैं।
केंद्र सरकार ने 2021-22 के बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए 15700 करोड़ रुपये आवंटित किया है।
चालू वित्तीय वर्ष में एमएसएमई के लिए कुल 7500 करोड़ रुपये का प्राविधान बजट में किया गया था।
इस लिहाज से नये वित्तीय वर्ष में एमएसएमई सेक्टर को दोगुनी से भी अधिक धनराशि का आवंटन केंद्र सरकार ने किया है।
12500 करोड़ रुपये अकेले प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए रखा गया है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल के मुताबिक नये वित्तीय वर्ष में एमएसएमई से राज्य में एक करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर बनेंगे।
इसमें राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों का बड़ा योगदान होगा।
महज 72 घंटे में उद्योगों की स्थापना के लिए एनओसी और बैंकों से लोन दिलाने के लिए खास रणनीति पर राज्य पर काम हो रहा है।