अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है। ऐसे में सामान्य मरीजों को बेहतर इलाज मिलने की राह आसान होगी। मरीजों को कोविड संक्रमण से पूर्व की भांति इलाज मुहैया कराया जाएगा। होल्डिंग एरिया खत्म होगा। इमरजेंसी में सीधे मरीज भर्ती किए जाएंगे। ओपीडी में मरीजों की संख्या का प्रोटोकॉल भी खत्म होगा। शासन का आदेश मिलने के बाद केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है।
केजीएमयू का होल्डिंग एरिया ट्रॉमा सेंटर के सामने वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग में बनाया गया था। यहां मरीज को भर्ती कर कोरोना जांच कराई जाती है। रिपोर्ट आने के बाद मरीज को संबंधित विभाग में रेफर किया जाता है।
इस दौरान होल्डिंग एरिया में प्राथमिक इलाज मुहैया कराने की व्यवस्था है। ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक अब ट्रॉमा सेंटर परिसर में ट्रॉयज कम रिश्पेशन एरिया बनाया जाएगा। यहां कोरोना जांच होगी। फिर मरीज को भूतल पर स्थिति सर्जिकल या मेडिसिन यूनिट में रेफर किया जाएगा। इसका खाका तैयार किया जा रहा है। मरीजों को दिक्कत से बचाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुराने पार्किंग एरिया में रैन बसेरा बनाया गया है। अधिक से अधिक तीमारदार ठहर सकेंगे।
लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में कोरोना मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। अस्पताल के एक हिस्से में कोरोना मरीज रखे जाएंगे। बाकी हिस्से में नॉन कोविड मरीज भर्ती करने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, पीडियाट्रिक सर्जरी और इंडोक्राइन सर्जरी विभाग शिफ्ट किए जा सकते हैं। पीजीआई भी मरीजों की भर्ती प्रक्रिया को सरल करने पर मंथन शुरू कर दिया है।