सियोल: उत्तर कोरिया ने उसके खिलाफ हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका की आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि यह नीति कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण का रास्ता हमेशा के लिए बंद कर सकती है. ध्यान हो कि उत्तर कोरिया की ओर से रविवार को चेतावनी आने से कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने कहा था कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में वह उत्तर कोरिया के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहा है. जिन अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा है, उनमें उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन का दाहिना हाथ माने जाने वाले चोए रयोंग हाये भी शामिल हैं. सरकारी संवाद समिति केसीएनए में जारी बयान के अनुसार, उत्तर कोरिया ने प्योंगयांग के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की, लेकिन साथ ही कहा कि अमेरिका का विदेश मंत्रालय डीपीआरके-अमेरिका के संबंधों को वहीं ले जाना चाहता है .
जहां ये पिछले वर्ष थे. बयान में कहा गया कि यदि वाशिंगटन को लगता है कि प्रतिबंध और दबाव बढ़ाने से उत्तर कोरिया परमाणु अस्त्र त्यागने को विवश हो जाएगा तो यह बहुत बड़ी गलती है क्योंकि इस तरह की नीति अपनाने से कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण का रास्ता हमेशा के लिए बंद हो जाएगा. बता दें कि कुछ समय पहले ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका को बताया था कि वह दोनों देशों के नेताओं के बीच निर्धारित बैठक में कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. समाचार एजेंसी के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि ऐसा पहली बार है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अपनी मंशा सीधे तौर पर अमेरिका को बताई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के बीच बैठक की दिशा में उठाया गया सकारात्मक कदम है. यह बैठक मई के अंत में हुई थी. ट्रंप प्रसासन के एक अधिकारी ने रविवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल को बताया कि अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि किम जोंग उन कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण पर चर्चा करने का इच्छुक हैं.”