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उत्तराखंड पंचायत चुनाव परिणाम 2019: इस सीट से पहली बार भाजपा प्रत्याशी ने मारी बाजी

चंपावत :जिले के पाटी ब्लॉक की जनकांडे सीट उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से होने वाले हर पंचायत चुनाव में चर्चित रही है। अब तक लगातार शिकस्त खाने वाली भाजपा ने चंपावत जिले की सबसे हॉट जनकांडे की जिला पंचायत सीट पर उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इतिहास रचा है। इस सीट से पहली बार भाजपा अधिकृत प्रत्याशी ने चुनाव जीता है। भाजपा प्रत्याशी विजय बोहरा को भाजपा के बागी और पूर्व जिलाध्यक्ष हिमेश कलखुड़िया के साथ मुकाबला करना पड़ा। इस जीत के साथ भाजपा के लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की ताकत में भी इजाफा हुआ है। जिले के दोनों विधायक (चंपावत के कैलाश गहतोड़ी और लोहाघाट के पूरन सिंह फर्त्याल) इस सीट से पूर्व में जिला पंचायत सदस्य के लिए निर्दलीय के रूप में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।  जिला पंचायत की जनकांडे सीट से भाजपा अधिकृत प्रत्याशी विजय बोहरा ने भाजपा के बागी हिमेश कलखुडिय़ा को शिकस्त दी है। इसी के साथ भाजपा ने पहली बार इस सीट को अपनी झोली में डाला है। 2003 में यहां से जिला पंचायत सदस्य के लिए विधायक कैलाश गहतोड़ी चुनाव में उतरे और जीते। जबकि 2008 में जनकांडे सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोहाघाट के वर्तमान विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने चुनाव लड़ा। तब कांग्रेस के वर्तमान जिलाध्यक्ष उत्तम देऊ ने फर्त्याल को शिकस्त दी थी। जिला पंचायत के 2014 में भी यह सीट प्रदेश भर में चर्चित रही। तब चुनाव में जीत हासिल करने के बाद निर्दलीय मीना देवी का जिला पंचायत अध्यक्ष के 5 अगस्त 2014 को हुए चुनाव से पूर्व कथित अपहरण करने का आरोप विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने लगाया था। मामला अदालत तक भी गया था।

जिला पंचायत में भाजपा के पांच बागी प्रत्याशी मैदान में थे लेकिन इनमें से एकमात्र प्रत्याशी ही चुनाव जीत सका। बाराकोट ब्लाक की फर्तोला सीट से सुरेंद्र सामंत ने 2740 वोट लाकर भाजपा अधिकृत प्रत्याशी प्रकाश मेहता (2246) को 494 वोटों से हराया। जनकांडे से हिमेश कलखुड़़िया, पोथ से हेमा कनवाल, मटियानी से दीपक जोशी और टनकपुर एससी सीट से गीता देवी चुनाव मैदान में थीं। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने 3 अक्तूबर को पांचों नेताओं को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया था।

चंपावत ब्लाक की सबसे हॉट सीटों में शुमार बिरगुल बीडीसी सीट पर मंडी समिति के पूर्व सदस्य उमेश खर्कवाल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी किशोर खर्कवाल को 190 वोटों से शिकस्त दी। इसी के साथ उमेश ने 2014 की बीडीसी में मिली हार का भी बदला ले लिया। ब्लॉक प्रमुख पद के संभावित दावेदार के रूप में माने जा रहे खर्कवाल को जीत से रोकने के लिए भाजपा ने तगड़ी रणनीति बनाई थी लेकिन वह इसमें नाकाम रही।

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