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उत्तराखंड: दो दिन भारी बारिश की संभावना, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई, मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट किया जारी

देहरादून: प्रदेश के नौ जिलों में 14 और 15 जुलाई को भारी बारिश की संभावना है। अन्य जिलों में भी अच्छी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं। मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार देहरादून, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिले के कई स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। जबकि रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर जिलों में भी कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश की संभावना है। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में लगातार बारिश का मौसम बना हुआ है। अगले दो दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। इस पर विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है।

इस दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है। हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोकने का सुझाव दिया गया है। साथ ही राज्य सरकार से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है। लगातार हो रही बारिश सड़कों पर भारी पड़ रही हैं। पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में दर्जनभर सड़कें बोल्डरों से पट गईं हैं। जहां-तहां मार्ग बंद होने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। पंग्बाबे के पास बोल्डर गिरने से कैलाश यात्रा मार्ग भी बंद हो गया है। जौलजीबी-मदकोट-मुनस्यारी सड़क कई स्थानों में रोखड़ में तब्दील हो गई है। थल-मुनस्यारी सड़क भारी वाहनों के लिए बंद हो गया है। जड़बुंगा-अमल्यानी संपर्क मार्ग, हुनरी-तल्ला खुमती संपर्क मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

इनके अलावा, जौलजीबी-मुनस्यारी, समकोट-मुनस्यारी मार्ग बंद हैं। बलतिर-अल्काथल सड़क एक सप्ताह से बंद है। इसे अब तक नहीं खोलने पर ग्रामीणों में रोष है। उन्होंने प्रदर्शन कर नाराजगी जताई। बागेश्वर जिले में सात सड़कें अब भी बंद हैं। इनमें पोथिंग-शोभाकुंड मोटर मार्ग नौ दिन से बंद है। कपकोट-कर्मी-बघर, कपकोट-कर्मी-तोली सड़क पांच दिन से बंद हैं। डंगोली-कलानी, कपकोट-पोलिंग और रीमा-सनेती-बैकुड़ी भी बंद हैं। बारिश के दौरान जसपुर के ग्राम रामनगर वन में कच्चे मकान की दीवार गिरने से कैलाशो देवी (65) की मौत हो गई।

नैनीताल में 80 साल पुराने पांच मंजिले मकान का एक हिस्सा शनिवार सुबह पांच बजे भरभरा कर गिर गया। यह मकान 15 साल से खाली था। नगर पालिका ने मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। उधर, ओखलकांडा ब्लॉक की बड़ौन ग्रामसभा में शनिवार को तूफान और मूसलाधार बारिश से छह घरों की छतें उखड़ गईं। बारिश के पानी से घरों के अंदर रखा सामान भीग गया। पेड़ गिरने से विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे बड़ौन में 150 परिवार अंधेरे में रात काटने को मजबूर हैं। पिछले दो दिन में हुई बारिश से मुनस्यारी और धारचूला में 25 मकान खतरे की जद में आ गए है। धारचूला से मिली जानकारी के मुताबिक कालिका-खुमती सड़क पर खुमती के पास एक मकान सड़क से निकले मलबे में दब गया।

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