देहरादून: प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न कराने में 70 करोड़ का खर्चा आया है। इसमें चुनाव ड्यूटी में तैनात करीब सवा लाख कर्मचारियों को टीए, डीए, मतदान और मतगणना का प्रशिक्षण, पोलिंग पार्टियों को बूथ तक पहुंचाने के लिए वाहन और मतदान स्थलों पर सुविधाओं समेत अन्य व्यवस्थाओं के खर्चे शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग ने इस बार खास इंतजाम किए थे।
मतदान से लेकर मतगणना की सभी व्यवस्थाएं कराने पर निर्वाचन आयोग ने करीब 70 करोड़ के खर्च का आकलन किया है। चुनाव ड्यूटी में सवा लाख कर्मचारी तैनात किए गए थे। वहीं पोलिंग पार्टियों को बूथ तक ले जाने और लाने के लिए आठ हजार से अधिक वाहनों की व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही कर्मचारियों को अलग-अलग चरणों में चुनाव संबंधित प्रशिक्षण, स्टेशनरी सामग्री, मतगणना स्थलों पर बैरिकेडिंग समेत तमाम व्यवस्थाओं के खर्चों को इसमें शामिल किया गया है।
निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान स्थलों पर दिव्यांग मतदाताओं के लिए दो हजार से अधिक बूथों पर व्हील चेयर की व्यवस्था भी की थी। दुर्गम क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को पोलिंग बूथ पहुंचाने के लिए डोली का प्रबंध भी किया गया था। प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए करीब 70 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को परिणाम घोषित होने के 30 दिन के भीतर निर्वाचन खर्चे का ब्योरा आयोग को देना होगा। इस बारे में प्रत्याशियों को सूचित किया गया है। यदि कोई प्रत्याशी खर्च का ब्योरा नहीं देता तो आयोग की ओर से चुनाव लड़ने पर छह साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा।