नई दिल्ली। उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम की ओर से 2018 से 2021 तक विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायधीशों के पद के लिए सिफारिश किए गये और उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा इसे दोबारा भेजे जाने के बाद भी 23 नाम मंजूरी के लिए सरकार के पास अब तक लंबित हैं। यह जानकारी उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्ति प्रक्रिया से अवगत लोगों ने दी।
सूत्रों ने बताया कि कम से सात उच्च न्यायालयों ने इन नामों को उच्च् न्यायालयों में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति के लिए भेजे हैं। उन्होंने बताया कि 23 नामों को सरकार ने पुनर्विचार करने के अनुरोध के साथ लौटा दिया, लेकिन उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने अलग-अलग समय पर इन नामों को फिर से भेजा। सूत्रों ने रेखांकित किया कि दो नामों को- एक कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के लिए और दूसरा जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए- सरकार को उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने दो बार भेजा।
उन्होंने बताया कि दोनों उम्मीदवार अधिवक्ता हैं जिनमें से जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए उम्मीदवार का नाम 2018 में भेजा गया था, जबकि कर्नाटक उच्च न्यायालय के लिए अधिवक्ता के नाम की सिफारिश 2019 में की गई थी। सूत्रों ने बताया कि 31 दिसंबर तक 23 नाम ऐसे थे, जिनकी सिफारिश उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम ने 2018 से अबतक की थी और कार्यपालिका (सरकार) द्वारा लौटाए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने भी दोबारा इन नामों को भेजा था, लेकिन वे अब भी लंबित हैं।
आंकड़ों के मुताबिक 2021 में उच्च न्यायालयों में 120 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई जबकि 2016 में रिकॉर्ड 126 न्यायाधीशों की उच्च न्यायालयों में नियुक्ति की गई थी। देश के 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 1,098 आवंटित पद हैं, जिनमें एक दिसंबर 2021 की तारीख में 696 न्यायाधीश कार्यरत थे, जबकि 402 पद रिक्त थे।