राहुल यादव, लखनऊ। कानपुर मेट्रो परियोजना हेतु ईआईबी (यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक) ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि . ( यूपीएमआरसी ) के साथ सोमवार को वर्चुअल इवेंट के माध्यम से 5,551.99 करोड़ रुपए ( 650 मिलियन यूरो ) के वित्तीय अनुबंध पर हस्ताक्षर किए ।
डॉ . सीएस मोहपात्र ने कहा , ” भारत और ईआईबी के रिश्तों को और भी प्रगाढ़ बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है । इन संबंधों के बल पर भविष्य में भारत में कई बड़ी विकास परियोजनाओं को अमली जामा पहनाया जाएगा । ” इस वित्तीय अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद अब कानपुर मेट्रो परियोजना के सिविल निर्माण और क्रियान्वयन हेतु ईआईबी की ओर से ऋण की राशि की स्वीकृति और निष्पादन की प्रक्रिया में तेजी आएगी । पूरी उम्मीद है कि आगरा मेट्रो परियोजना के लिए भी जल्द ही अनुबंध हस्ताक्षरित हो जाएगा ।
ईआईबी के वाइस प्रेज़िडेन्ट ऐंड्रयू मैकडॉवेल ने कहा , ” यूपीएमआरसी ने पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए निर्धारित समय – सीमा से भी कम समय में और स्वीकृत बजट के अंदर लखनऊ मेट्रो परियोजना को पूर्ण कर जो रेकॉर्ड कायम किया , उसके आधार पर ही कानपुर मेट्रो परियोजना हेतु इस वित्तीय अनुबंध की प्रक्रिया को उपयुक्त गति मिल सकी । ”
कानपुर मेट्रो परियोजना हेतु वित्तीय अनुबध हस्ताक्षरित पर होने पर खुशी जाहिर करते हुए यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा , ” उत्तर प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं हेतु निरंतर अपना सहयोग देने प्रदान करने के लिए यूपीएमआरसी , यूरोपियन इनवेस्टमेंट बैंक का आभारी है । मेट्रो परियोजना , सार्वजनिक यातायात का सबसे सुविधाजनक , तेज़ , सुरक्षित , ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने वाला और किफ़ायती साधन है और मेट्रो परियोजनाओं के माध्यम से देश के विकास को भी गति मिलती है । प्रदेश की राजधानी में बनी लखनऊ मेट्रो परियोजना , निर्धारित समय – सीमा से पूर्व और नियत बजट के अंतर्गत पूरी हुई और यह परियोजना न सिर्फ लखनऊवासियों के लिए बल्कि पूरे प्रदेश का गौरव है ।
इस वर्चुअल इवेंट में भारत और भूटान के यूरोपियन यूनियन के राजदूत ऊगो आस्तूतो , ईआईबी के वाइस प्रेज़िडेन्ट ऐंड्रयू मैकडॉवेल , डॉ . सीएस मोहपात्र , अपर सचिव , आर्थिक मामलों का विभाग , वित्त मंत्रालय ( भारत सरकार ) , यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव , शील कुमार मित्तल , निदेशक ( वित्त ) , यूपीएमआरसी समेत वित्त मंत्रालय , भारत सरकार , यूरोपियन यूनियन और ईआईबी के अन्य गणमान्य सदस्यों ने हिस्सा लिया ।