जम्मू। इस साल जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा केंद्र शासित प्रदेश में 100 सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों में 44 शीर्ष आतंकियों और 20 विदेशियों समेत कुल 182 आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया। पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जम्मू कश्मीर पुलिस के 100वें सफल आतंकवाद-रोधी अभियान के एक दिन बाद जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिंह ने आतंकवादियों के मारे जाने की कुल संख्या की जानकारी दी। सिंह ने कहा कि पंथा चौक में पुलिस की बस पर हमले में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के कुल नौ आतंकवादी पिछले 24 घंटों में मारे गए, जबकि वर्ष के दौरान कुल 20 विदेशी आतंकवादी ढेर किए गए।
डीजीपी ने कहा कि इस वर्ष केंद्र शासित प्रदेश में सीमा पार से आतंकवादियों की कम घुसपैठ हुई। अफगानिस्तान से किसी भी आतंकवादी के देश में घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई। सिंह ने यहां जम्मू कश्मीर पुलिस के वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”कल रात हमने 100वां सफल अभियान पूरा किया। हमने 100 सफल अभियानों में विभिन्न आतंकी संगठनों के 182 आतंकवादियों का सफाया किया।”
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में लगातार सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों के कारण जम्मू कश्मीर के एक बड़े क्षेत्र को आतंकी हमलों से मुक्त कर दिया गया है। डीजीपी ने कहा, ”इस साल मारे गए 44 शीर्ष आतंकवादियों में से 26 लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के, 10 जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के, सात हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के और एक आतंकी अल-बद्र का था।” उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों में 20 विदेशी थे।
सिंह ने कहा कि इन शीर्ष आतंकवादियों ने पाकिस्तान के इशारे पर आतंकी गतिविधियों की साजिश रचकर और लोगों के बीच आतंक फैलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, ”कई वर्षों के बाद इस बार बहुत कम संख्या में आतंकवादी सक्रिय हुए। लंबे समय के बाद यह आंकड़ा कम हुआ है।” डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियानों और सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के मामले में भी यह वर्ष सफल रहा।
डीजीपी ने कहा, ”सीमाओं की सुरक्षा के लिहाज से यह एक सफल साल रहा। लंबे समय के बाद घुसपैठ के स्तर में कमी आई है। इस साल केवल 34 आतंकवादी ही सीमा पार से देश में घुसपैठ कर पाए। उनमें से कई को ढेर कर दिया गया और बाकी पर नजर रखी जा रही है।”
आतंकवादी संगठनों से युवाओं के जुड़ने का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में 134 युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए लेकिन उनमें से 72 को खत्म कर दिया गया और 22 को गिरफ्तार कर लिया गया। डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने आतंकवादियों की मदद करने वालों पर भी नकेल कसी है और ऐसे 570 लोगों गिरफ्तार किया।
उन्होंने कहा कि इस साल आतंकवाद और अन्य समाज विरोधी कृत्यों में शामिल होने के लिए गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत कुल 497 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पाकिस्तान के इशारे पर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को फिर से शुरू करने के लिए अफगानिस्तान से आने वाले आतंकवादियों के खतरे के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम हैं लेकिन ऐसी कोई आशंका नहीं है।