नई दिल्ली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता एवं तेल और रुपए की चाल से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक की आर्थिक वृद्धि को गति देने और ग्राहकों की धारणा को फिर से मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जाने वाले कदमों पर नजर है। सैमको सिक्योरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, कंपनियों के परिणाम जारी करने का दौर समाप्त हो गया है और अधिकतर कंपनियों की कमाई के तिमाही आंकड़े संतोषजनक नहीं रहे हैं। अर्थव्यवस्था नरमी की चपेट में है और इस तिमाही में मजबूती हासिल करने के लिए कंपनियों के पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं है और अब बहुत सी चीजें सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर निर्भर हैं।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध विभाग के उपाध्यक्ष अजीत मिश्रा ने भी कहा, कंपनियों की कमाई के आंकड़े जारी करने का समय समाप्त हो चुका है और घरेलू स्तर पर बाजार को प्रभावित करने वाला कोई पहलू नहीं है। अब वैश्विक घटनाक्रमों से दिशा तय होने की उम्मीद है। निवेशकों की नजर अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता की प्रगति, कच्चे तेल और रुपएध्डॉलर की चाल पर होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक सुस्ती, कंपनियों की आय में कमी, वाहन उद्योग से जुड़े संकट एवं वैश्विक व्यापार से जुड़े मुद्दे से निवेश धारणा प्रभावित हो रही है। एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, इस सप्ताह निफ्टी की नजर वैश्विक संकेतों पर होगी क्योंकि वहां बहुत से घटनाक्रम हो रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच व्यापार वार्ता सितंबर में संभावित है। पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 231.58 अंक यानी 0.60 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।