नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान अब इस्लामिक स्टेट ऑफ खोरासन के सफाए को लेकर आर-पार की लड़ाई रहा है। वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट बताती है कि तालिबान ने पूर्वी अफगानिस्तान में सैकड़ों लड़ाकों को तैनात कर दिया है। तालिबान सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक ऑपरेशन की गति बढ़ाने के लिए पिछले एक महीने में 1300 से अधिक अतिरिक्त तालिबान लड़ाकों को नंगरहार प्रांत में तैनात किया गया है।
तालिबान ने कहा हमारी जलालाबाद यूनिट पूरी रात तलाशी अभियान चला रही है। हम इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से सरेंडर की अपील कर रहे हैं। लेकिन अगर कोई सरेंडर नहीं कर रहा है तो हम उन्हें मार रहे हैं। हालांकि यह थोड़ा क्रूर है लेकिन हमें उन्हें मिटाना है। यह सिर्फ हम अफगानिस्तान के लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए कर रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जलालाबाद में हर हफ्ते 7-10 इस्लामिक स्टेट के संदिग्धों को गिरफ्तार किया जाता है और करीब छह मारे जाते हैं। अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की संख्या 3000 के करीब बताई जाती है। अगस्त में काबुल पर कब्जे के बाद से तालिबान को इस्लामिक स्टेट ने कड़ी चुनौती दी है। बता दें कि तालिबान सालों से इस्लामिक स्टेट से लड़ाई में लगा हुआ है।
कुछ स्थानीय लोगों और सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट का कहना है कि तालिबान के लड़ाके इस प्रांत से परिचित नहीं हैं और उनके पास लक्ष्यों को लेकर खुफिया जानकारी की जांच करने का कोई तरीका नहीं है। तालिबान का जिस पर शक होता है उसका पीछा करते हैं और उन्हें मार डालते हैं और बताते हैं कि वह इस्लामिक स्टेट से जुड़ा हुआ था। हालांकि यह सच है कि इस्लामिक स्टेट के लड़ाके भी मारे गए हैं।
नंगरहार में पहले से गोलीबारी में बढ़ोतरी हुई है। जलालाबाद के केंद्रीय अस्पताल ने इस साल के किसी भी अन्य महीने की तुलना में अक्टूबर में युद्ध में हताहतों की संख्या अधिक दर्ज की है। हॉस्पिटल के मुख्य डॉक्टर ने बताया है कि मुझे याद नहीं है कि पिछली बार कब युद्ध में घायलों की संख्या इतनी अधिक थी।