नई दिल्ली : जस्टिस के एम जोसफ मुद्दे पर एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) टी एस ठाकुर ने कहा कि ये हालात दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार का जस्टिस के एम जोसफ की नियुक्ति को रोकने के फैसले से देश में गलत संदेश जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे संदेश जा रहा है कि जो सरकार के खिलाफ फैसला देगा उसकी इसी तरह खिलाफत होगी. ठाकुर ने कहा कि इसका गहरा असर न्यायपालिका खासतौर पर हाईकोर्ट के जजों पर पड़ेगा. यह मुद्दा सिर्फ जस्टिस के एम जोसफ का ही नहीं है. ये मामला न्यायपालिका से जुड़ा है. कॉलेजियम ने दो नाम भेजे, एक क्लियर किया और दूसरा वापस भेजा. सरकार का ये कदम सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश के खिलाफ है. कॉलेजियम इस पर क्या कदम उठाएगा कह नहीं सकते, लेकिन इससे लोगों में न्यायपालिका पर विश्वास कम होगा.
न्यायपालिका लोकतंत्र का अहम स्तंभ है, यहां ऐसा होगा तो लोगों की न्यायपालिका को लेकर उम्मीदों का क्या होगा. इस मुद्दे पर जस्टिस लोढा से सहमत कि सरकार का ये कदम न्यायपालिका की स्वतंत्रता के दिल पर चोट है. हालांकि उन्होंने यह बात कैमरे पर बोलने से मना कर दिया है. कॉलेजियम इस पर क्या कदम उठाएगा कह नहीं सकते, लेकिन इससे लोगों में न्यायपालिका पर विश्वास कम होगा.