इराक से लापता 39 भारतीयों का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने मोसुल को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. इंडिया टुडे ने इन भारतीयों की तलाश में इराक के मोसुल पहुंचा, जहां इनका कोई अतापता नहीं चला. अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ये भारतीय कहां गए? इससे पहले भारत सरकार ने इन भारतीयों के जीवित होने का दावा किया था.
संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद इन भारतीयों के जीवित होने का दावा किया था. रविवार को स्वराज ने कहा था कि इराक में 2014 में लापता हुए 39 भारतीय नागरिक बादुश की एक जेल में कैद हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि इलाके में जारी संघर्ष के खत्म होने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. इसके साथ ही सुषमा ने लापता भारतीयों के परिजनों से मुलाकात के दौरान यह भरोसा दिलाया था कि सरकार इन सभी भारतीयों को हरहाल में वापस लाएगी.
उन्होंने कहा था कि ये भारतीय बादुश की जेलों में बंद हैं. सुषमा स्वराज ने कहा था कि इराक के प्रधानमंत्री ने जैसे ही मोसुल को आईएस के कब्जे से आजाद कराए जाने की घोषणा की, उसके तुरंत बाद ही उन्होंने वी के सिंह से इरबिल जाकर व्यक्तिगत तौर पर लापता भारतीय नागरिकों का पता लगाने को कहा था. सोमवार को विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने भी ‘आजतक’ से बातचीत में कहा था कि लापता 39 भारतीय नागरिक बादुश की जेलों में हो सकते हैं. उनको यह जानकारी इराक के एनएसए की ओर से मिली है. विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह हाल ही में इराक का दौरा करके लौटे थे.