पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज इंजमाम उल हक के भतीजे इमाम-उल-हक ने कहा है कि उन्होंने अपनी मेहनत से नेशनल टीम में जगह बनाई लेकिन शायद वह कभी भी अपने ऊपर से वंशवाद का टैग नहीं हटा पाएंगे। बता दें कि इमाम पाकिस्तान की तरफ से सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाते हैं। दरअसल, इमाम ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह बदलेगा। लोग शायद मुझे कभी स्वीकार न करें। मैं बहुत खुश होऊंगा अगर जनता मुझे इमाम-उल-हक के रूप में स्वीकार करे न कि किसी के भतीजे के तौर पर।’ उन्होंने कहा कि वह इंजमाम की वजह से टीम में नहीं हैं। इंजमाम हाल ही में पाकिस्तान के मुख्य चयनकर्ता थे। इमाम ने कहा, ‘लोग सोचते हैं कि उन्होंने (इंजमाम) मिकी आर्थर (पाकिस्तान के पूर्व कोच) पर मुझे टीम में शामिल करने के लिए दबाव डाला था। लोगों को समझना चाहिए कि हम उस दौर में रह रहे हैं जहां आप मीडिया से कुछ छुपा नहीं सकते। मैं बिना अपने प्रदर्शन के टीम में नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा, ‘उन्होंने नहीं देखा कि मैं किसी प्रक्रिया से गुजरा हूं। उन्होंने सिर्फ यह देखा कि मैं इंजमाम का भतीजा हूं और उन्होंने मान लिया कि उन्हें मेरी आलोचना करने का अधिकार है।’
इमाम-उल-हक: अपनी मेहनत से नेशनल टीम में जगह बनाई लेकिन कभी भी अपने ऊपर से नहीं हटा पाएंगे वंशवाद का टैग
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