पंजाब: लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज गया है। भारतीय निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों के लिए चुनाव तारीखों का एलान कर दिया है। इसके साथ ही आचार संहिता लागू कर दी गई है। वहीं इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं। हरियाणा में छठे चरण में 12 मई को मतदान होगा। पंजाब और चंडीगढ़ में सातवें चरण में 19 मई को मतदान होगा। चुनाव सात चरणों में होंगे। पहला चरण 11 अप्रैल को, दूसरा चरण 18 अप्रैल को, तीसरा चरण 23 अप्रैल को, चौथा चरण 29 अप्रैल को, पांचवा चरण 6 मई, छठा चरण 12 मई को व सातवां चरण 19 मई को होगा। 18 मार्च 2019 से लोक सभा चुनाव के लिए नामांकन भर सकते हैं। 25 मार्च नामांकन भरने की आखिरी तारीख है। दिल्ली के विज्ञान भवन में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनाव की तारीखों का एलान किया।
सामान्यतः आयोग रविवार को चुनाव तारीखों का एलान नहीं करता है, लेकिन इस बार ऐसा किया गया और रविवार का दिन खास तौर पर चुना गया। बता दें कि इससे पहले 2004 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान रविवार को ही हुआ था। लोक सभा चुनाव 2019 में कुल 90 करोड़ लोग मतदान अधिकार का प्रयोग करेंगे। नौकरीपेशा वोटर 1.60 करोड़ हैं। 18 से 19 साल के करीब डेढ़ करोड़ वोटर हैं। चुनाव आयोग के हेल्पलाइन नंबर 1950 पर वोटर लिस्ट की जानकारी ले सकते हैं। त्योहारों और परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव कार्यक्रम तैयार किया गया है। पहली बार 10 लाख पोलिंग स्टेशन बनाए गए, पिछली बार 9 लाख स्टेशन थे। पहली बार वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल होगा। ईवीएम में उम्मीदवार की तस्वीर भी नजर आएगी। वोटरों के पास नोटा का विकल्प मौजूद रहेगा। वोटर स्लिप मतदान की तारीख से पांच दिन पहले मिल जाएगी। आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत मोबाइल एप से दी जा सकेगी, 100 मिनट में अधिकारी जवाब देंगे।
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में लोक सभा सीटें
चंडीगढ़ में लोक सभा की सिर्फ एक सीट है।
हरियाणा में 10 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं – अंबाला, करनाल, सोनीपत, रोहतक, सिरसा, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, गुरुग्राम, भिवानी-महेन्द्रगढ़, हिसार
पंजाब में 13 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं- अमृतसर, आनंदपुर साहिब, खडृर साहिब, गुरदासपुर, जालंधर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, लुधियाना, संगरूर, होशियारपुर
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी लोक सभा चुनाव 2019 के सिलसिले में आज शाम 6.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। पंजाब में भी चुनाव आयोग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। पंजाब में इस बार 2 करोड़ 3 लाख मतदाता 13 लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों का फैसला करेंगे।
चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियां
- 16 अप्रैल को होगा चुनाव का नोटिफिकेशन
- 23 अप्रैल को नामांकन की अंतिम तिथि
- 24 अप्रैल को नामांकन की छंटनी
- 26 अप्रैल को नाम वापसी का अंतिम दिन
- 12 मई 2019 को मतदान
- 23 मई को मतगणना, 27 मई तक संपन्न होगी चुनाव प्रकिया
क्या होती है चुनाव आचार संहिता
चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए वे नियम हैं, जिनका पालन हर राजनीतिक दल और हर उम्मीदवार के लिए करना जरूरी होता है। वहीं इनका उल्लंघन करने पर सख्त से सख्त सजा हो सकती है। चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है। एफआईआर हो सकती है और उम्मीदवार को जेल जाना पड़ सकता है। सबसे बड़ी बात ये है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकती और न ही सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल चुनाव कार्यों के लिए कर सकती है। इसमें चुनावी भाषणों, बैठकों, मतदान केंद्रों, चुनावी घोषणा पत्रों, चुनावी रैलियों और प्रदर्शनों से जुड़े नियम शामिल होते हैं। आचार संहिता का मकसद हर हाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न करवाना है। चुनाव आचार संहिता पहली बार 1960 में केरल विधानसभा चुनाव में लागू की गई थी। जबकि, 1962 के चुनाव के बाद से इसे सभी पार्टियों ने विस्तार से अपनाना शुरू कर दिया। यह नियम चुनाव तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाते हैं और तब तक प्रभावी रहते हैं, जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी न हो जाए।
- चुनाव में प्रयोग होने वाली सभी ईवीएम मशीनें पहुंच चुकी हैं, उनकी जांच चल रही है।
- चुनाव के दिन ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट या ईडीसी मिलेगा। अगर अपने विधानसभा में ड्यूटी दे रहे हैं तो लाइन में लगकर वोट डाल सकेंगे, अन्य पोस्टल बैलेट भेजना होगा।
- फार्म-6 भरकर अपंजीकृत व्यक्ति अपना वोट दो अप्रैल तक बनवा सकते हैं। ऑनलाइन या मैनुअल दोनों तरीकों से वोट बनवाने की सुविधा रहेगी।
- 2014 के लोकसभा चुनाव में 230 उम्मीदवारों ने दस सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई थी। हिसार संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 41 उम्मीदवार थे। जबकि 14 सबसे कम उम्मीदवार अन्य संसदीय क्षेत्र में रहे।
- 2014 के चुनाव में 1 करोड़ 60 लाख 97 हजार 34 मतदाता थे, जिनमें से 71.86 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
- 1950 टोल फ्री नंबर पर कोई भी जानकारी मतदाता ले सकता है। सुझाव या फीडबैक भी दे सकते हैं। मतदाता सूची में नाम है या नहीं, ये जानकारी भी ली जा सकती है।
- सर्विस वोटर्स के लिए पहली बार पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। इस बार उन्हें ई-मेल के जरिये वोट भेजे जाएंगे। पहले पोस्टल बैलेट डाक से भेजे जाते थे। सर्विस वोटर्स की मैपिंग की गई है। इनकी संख्या में खासा इजाफा हुआ है। ईमेल से भेजे जाने वाले वोट का ओटीपी, पासवर्ड व बारकोड होगा। वापसी में सर्विस वोटर्स के मत साधारण डाक के बजाए स्पीड पोस्ट से आएंगे ताकि मतगणना से पहले संबंधित मतगणना केंद्र पर पहुंच जाएं। बीते चुनाव में अनेक मत बाद में पहुंचते रहे हैं। पूरी प्रक्रिया का खर्च मुख्य निर्वाचन अधिकारी उठाएंगे। सर्विस वोटर्स की पहली श्रेणी में सेना, वायुसेना, नेवी शामिल है। दूसरी श्रेणी में अर्धसैनिक बल व तीसरी श्रेणी में अलग-अलग मिशन में तैनात कर्मचारी शामिल हैं।
- नामांकन खर्च करने के बाद ही उम्मीदवारों का खर्च उनके खाते में जोड़ा जाएगा। अलग से खाता खोलना होगा। अगर कोई संभावित उम्मीदवार प्रचार-प्रसार सामग्री पहले छपवा लेता है तो उसकी राशि खर्च में जोड़ी जाएगी।
- चुनाव आयोग की ओर से डीसी-एसपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सरकारी प्रचार-प्रसार की सामग्री उतारने के निर्देश दिए गए हैं।
- मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार आधुनिक ईवीएम इंटरनेट, वायरलैस व वाई-फाई इत्यादि से भी हैक नहीं हो सकती। अगर मशीन से कोई छेड़छाड़ होती है तो वे काम करना बंद कर देगी। भारत का ईवीएम से चुनाव गोल्ड स्टैंडर्ड में आता है। पूरा विश्व इसकी दुहाई देता है। ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं।