यरुशलम। इजराइली पुलिस ने रविवार को करीब 50 यहूदी श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करते हुए यरुशलम के उस पवित्र स्थल पर जाने की अनुमति दी, जहां पुलिस की कार्रवाई के बाद हाल के सप्ताहों में प्रदर्शन शुरू हो गए थे और हिंसा बढ़ने के बाद गजा में इजराइल और हमास के बीच संघर्ष हुआ। पवित्र स्थल की निगरानी करने वाले इस्लामिक प्राधिकरण ने यह जानकारी दी।
वक्फ ने कहा कि पुलिस ने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में युवा यहूदियों को प्रवेश करने की अनुमति दी जबकि 45 साल से कम उम्र के मुस्लिमों को अंदर जाने नहीं दिया गया। जिन मुस्लिमों को प्रवेश करने की अनुमति दी गई, उन्हें प्रवेश द्वार पर पुलिस को अपने पहचान-पत्र जमा कराने पड़े। उन्होंने कहा कि एक गार्ड समेत तीन मुस्लिमों को गिरफ्तार किया गया।
इजराइली पुलिस के प्रवक्ता मिकी रोजेनफील्ड ने कहा कि स्थल को सामान्य यात्रा के लिए खोल दिया गया और पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के मद्देनजर क्षेत्र की सुरक्षा की। हालांकि, उन्होंने इस मामले में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया। वक्फ ने कहा कि चार मई के बाद रविवार को पहला ऐसा दिन रहा, जब पुलिस ने यहूदियों को इस पवित्र स्थल की यात्रा करने की अनुमति प्रदान की।
इस्लाम में अल-अक्सा मस्जिद तीसरा सबसे पवित्र स्थल है। यहूदी भी इस स्थान को अपना पवित्र उपासना स्थल मानते हैं। इसके चलते यह स्थान इजराइली और फलस्तीनी लोगों के बीच विवाद का विषय बना रहता है और अक्सर हिंसक घटनाएं देखने को मिलती हैं। यह संघर्ष 10 मई को शुरू हुआ था जब कई हफ्तों से पूर्वी यरुशलम में बढ़ते इजराइली-फलस्तीनी तनाव ने संघर्ष का रूप ले लिया था।
हमास ने मुस्लिमों और यहूदियों के इस पाक स्थल से इजराइल को पीछे हटने की चेतावनी देने के बाद रॉकेट दागने शुरू कर दिए थे जिसके बाद जवाबी हवाई हमले शुरू हो गए थे। इजराइल और फलस्तीन के चरमपंथी समूह हमास के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनने के बाद 11 दिन तक चले युद्ध पर विराम लग गया।