इंडोनेशिया के पूर्वी हिस्से में मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन एवं अचानक आई बाढ़ में कम से कम 44 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं तथा कई लोग लापता हैं। स्थानीय आपदा एजेंसी की प्रमुख लेन्नी ओला ने बताया कि पूर्वी नूसा तेंग्गरा प्रांत के फ्लोरेस द्वीप के लमेनेले गांव के दर्जनों घरों पर आधी रात के बाद आसपास की पहाड़ियों से भारी मात्रा में मिट्टी गिरने लगी।
न्होंने बताया कि बचावकर्ताओं ने 38 शवों और पांच घायलों को निकाला है। ओला ने बताया कि ओयांग बयांग गांव में बाढ़ के पानी में बह गए तीन अन्य लोगों के शव मिले हैं। बाढ़ में 40 घर तबाह हो गए हैं और सैकड़ों घर पानी में डूब गए हैं और कुछ घर तो सैलाब में बह गए हैं।
उन्होंने बताया कि वैबुराक नाम के अन्य गांव में रात में भारी बारिश के बाद नदी में बाढ़ आने से तीन लोगों की मौत हो गई तथा सात अन्य लापता हैं। बाढ़ का पानी पूर्वी फ्लोरेस जिले के बड़े हिस्से में घुस गया है। चार घायलों का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य क्लिनिक में किया जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण एजेंसी के प्रवक्ता रादित्य जाती ने बताया कि सैकड़ों लोग बचाव अभियान में लगे हुए हैं, लेकिन बिजली कटने, सड़कें अवरूद्ध होने तथा दूरदराज़ के इलाके होने के चलते सहायता एवं राहत पहुंचाने में दिक्कत आ रही है।
एजेंसी की ओर से जारी तस्वीरों में दिख रहा है कि बचावकर्ता, पुलिस व सैन्य कर्मी लोगों को आश्रय स्थलों की ओर ले जा रहे हैं, जबकि सड़कों पर मलबा पड़ा हुआ है। जाती ने बताया कि पड़ोसी प्रांत पश्चिम नूसा तेंग्गरा के बीमा शहर में भी भीषण बाढ़ की रिपोर्ट मिली है, जिस वजह से करीब 10 हजार लोगों को अपने घरों को छोड़ना पड़ा है।