जकार्ता: इंडोनेशिया में ज्वालामुखी में फटने से आसमान में 2000 मीटर तक धुआं और राख का गुबार छा गया और पास के गांवों में मलबा बिखर गया। सुमात्रा द्वीप पर माउंट सिनाबुंग ज्वालामुखी 2010 से ही सक्रिय है और 2016 में इसमें जोरदार विस्फोट हुआ था। हालिया दिनों में इसके फिर से धधकने पर राख फैल गई थी। आपदा एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि ज्वालामुखी विस्फोट होने से विमानों की उड़ानों पर असर पड़ सकता है, लेकिन इस इलाके से परहेज करने के लिए औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है। ज्वालामुखी विस्फोट की हालिया घटना से किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है और आपदा एजेंसी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए आदेश नहीं दिया है। सिनाबुंग 400 साल में पहली बार 2010 में सक्रिय हुआ था। कुछ समय तक शांत रहने के बाद 2013 में यह सक्रिय हो गया और उसके बाद से यह धधकता रहा।2016 में ज्वालामुखी विस्फोट से सात लोगों की मौत हो गयी थी। वर्ष 2014 में इसी तरह की घटना में 16 लोग मारे गए थे। आपदा एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि ज्वालामुखी विस्फोट होने से विमानों की उड़ानों पर असर पड़ सकता है, लेकिन इस इलाके से परहेज करने के लिए औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है। ज्वालामुखी विस्फोट की हालिया घटना से किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है और आपदा एजेंसी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए आदेश नहीं दिया है। आपदा एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि ज्वालामुखी विस्फोट होने से विमानों की उड़ानों पर असर पड़ सकता है, लेकिन इस इलाके से परहेज करने के लिए औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है। ज्वालामुखी विस्फोट की हालिया घटना से किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है और आपदा एजेंसी ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए आदेश नहीं दिया है।
इंडोनेशिया में फटा ज्वालामुखी, 2000 मीटर उठा राख का गुबार
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