लखनऊ। इंडियन ओसनिक पार्टी ने बुधवार को दारुलशफा ए ब्लॉक के कॉमन हाल में मोदी और योगी सरकार पर साधा निशाना। इंडियन ओसनिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी व्यास ने कहा कि मोदी ने अपने वादें पूरे नहीं किए हैं। युवाओं में बेरोजगारी और बढ़ी है। किसानों की समस्याओं में कमी होने के बजाय बढ़ी हैं। मोदी सरकार सीबीआई का विपक्षियों के खिलाफ भेदभाव तरीके से इस्तेमाल करके परेशान करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। इंडियन ओसनिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीपी व्यास ने कहा कि पार्टी देश की सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। पार्टी यूपी समेत सभी राज्यों में कैंडिडेट के नामों की घोषणा भी करने जा रही है। पार्टी ने तय किया है कि किसी के साथ गठबंधन नहीं किया जाएगा। अगर कोई राजनीतिक दल मेरे साथ आना चाहता है, तो पार्टी का विलय इंडियन ओसनिक पार्टी में करता है, तो उसके साथ मिलाकर चुनाव लड़ा जाएगा।
सीपी व्यास ने कहा कि मोदी ने तीन तलाक का शिकार जो महिलाएं अकेले जीवन गुजार रही हैं, उनको लेकर बढ़ी बढ़ी बातें की, मगर लाखों की संख्या में हिन्दू, सिख, क्रिश्चयन, जैन व अन्य महिलाएं भी अकेले जिंदगी गुजार रहीं हैं, इनमें मोदी की पत्नी जशोदा बेन भी शामिल हैं, मगर मोदी इन महिलाओं के लिए कभी एक शब्द नहीं बोला है। सीपी व्यास ने कहा कि यूपी में योगी सरकार के राज में कानून व्यवस्था बेपटरी हो गयी है। अपराधी बेखौफ हो गए हैं। अपराधी दिन दहाड़े लूट, हत्या, बलात्कार जैसी जघन्य घटनाओं को सरेआम अंजाम दे रहे हैं, लेकिन योगी सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है। इससे जनता का योगी सरकार में नाराजगी के गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सीपी व्यास ने कहा कि मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बड़े बड़े वादे किए थे कि कालाधन वापस लाएगे, जनता के खातों में 15-15 लाख रुपये आएंगे, भ्रष्टाचार मिटाएंगे, पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे, युवाओं को रोजगार देंगे,
किसानों की आय दोगुना करेंगे जैसे तमाम जुमले एक के बाद एक जुमले बोलते रहे, लेकिन मोदी ने ये जुमले पूरे नहीं किए हैं। सीपी व्यास ने कहा कि अब लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं, तो मोदी विपक्षी दलों के नेताओं को सीबीआई का डर दिख रहे हैं। यहाँ तक कई नेताओं के घर सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स की छापेमारी भी की जा रही है। ये सब मोदी बदले की भावना और लोकसभा चुनाव में मजबूती से लड़ने न पाए। इसके लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीपी व्यास ने कहा कि दलित की परिभाषा जो राजनीतिक दल और नेता व यूपी में खासकर की जाती है, वो तो बिल्कुल नहीं है। देश का जो भी नागरिक गरीब है, वो दलित की श्रेणी में आएगा, उसको आरक्षण भी मिलना चाहिए। इसमें सामान्य, ओबीसी, अनुसूचित-जनजाति जाति से कोई भी संबंध नहीं है।