शेयर बाजार की आने वाले दिनों में चाल वृहत आर्थिक आंकड़ों और कंपनियों के वित्तीय परिणामों से तय होगी. देश के चुनावी माहौल और प्रमुख कंपनियों की चौथी तिमाही के नतीजों पर नजर गड़ाए निवेशक इस समय काफी सावधानी से कदम उठा रहे हैं. ऐसे में कंपनियों के नतीजों के अलावा इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों से ही घरेलू बाजार की चाल तय होगी. इस हफ्ते कुछ छुट्टियों के चलते बाजार बीच में बंद भी रहेगा और सिर्फ तीन दिन कारोबार होगा. बुधवार और शुक्रवार को क्रमश: महावीर जयंती और गुड फ्राइडे पर अवकाश होगा. विश्लेषकों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई का आंकड़ा सोमवार को आएगा. निवेशकों को खुदरा महंगाई तथा औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों का भी ध्यान रखना होगा, जो गत शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए गए थे.
फरवरी में थोक महंगाई दर 2.9 फीसदी दर्ज की गई थी. अगले दिन मंगलवार को विप्रो वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही के अपने नतीजे घोषित कर सकती है. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों टीसीएस और इन्फोसिस ने भी मार्च 2019 तिमाही के नतीजों की घोषणा शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद की. इससे इस सप्ताह शेयर केंद्रित गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. विश्लेषकों के अनुसार इसके अलावा कच्चे तेल, रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव तथा विदेशी निवेशकों की निवेश प्रवृत्ति भी कारोबारी धारणा को प्रभावित करेगी. इसके अलावा निवेशकों की नजर आम चुनावों पर भी है.
दूसरे चरण के लिये मतदान 18 अप्रैल को होंगे. 17वीं लोकसभा के लिये वोटों की गिनती 23 मई को होगी. पिछले सप्ताह भी कुछ ऐसे ही हालात में भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर बना रहा और पांच में से तीन कारोबारी सत्रों में प्रमुख संवेदी सूचकांकों-सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी रहने के बावजूद साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई. शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही. तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 160.10 अंक या 0.41 प्रतिशत की बढ़त के साथ 38,767.11 जबकि एनएसई निफ्टी 46.75 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 11,643.45 अंक पर बंद हुए. सप्ताह के आखिर में टीसीएस और इन्फोसिस के वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही के नतीजे हालांकि उत्साहवर्धक रहे, जिसका असर इस सप्ताह बाजार में देखने को मिल सकता है.
इस सप्ताह विप्रो, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक व अन्य कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे घोषित होने जा रहे हैं. इसके अलावा, थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होंगे. बाजार की नजर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर भी रहेगी. साथ ही, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और घरेलू संस्थागत निवेशकों के निवेश रुझान से भी बाजार को दिशा मिलेगी. क्रिसिल और माइंडट्री बुधवार को चौथी तिमाही के अपने नतीजे घोषित कर सकती हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज गुरुवार को और एचडीएफसी बैंक शनिवार को अपने नतीजे जारी कर सकती हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस महीने के पहले सप्ताह में आयोजित अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के विवरण जारी कर सकता है.
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा के दौरान चार अप्रैल को प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट 6.26 फीसदी से घटाकर छह फीसदी और रिवर्स रेपो रेट छह फीसदी से घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया था. विदेशी आर्थिक आंकड़ों की बात करें तो जापान में मार्च महीने के और अमेरिका में फरवरी महीने के व्यापार संतुलन के आंकड़े इस सप्ताह बुधवार को जारी हो सकते हैं. अमेरिका में मार्च महीने की खुदरा ब्रिकी के आंकड़े गुरुवार को जारी हो सकते हैं और जापान में मार्च महीने की महंगाई के आंकड़े भी गुरुवार को ही जारी होने की संभावना है. इन आंकड़ों का असर दुनिया के प्रमुख शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है.