राहुल यादव, लखनऊ। मंगलवार को संसद में अखिलेश यादव ने मंाग की कि ओबीसी आरक्षण को 50% से अधिक किया जाए। साथ ही जाति आधारित गणना को सार्वजनिक किया जाए। अखिलेश ने कहा कि हजारों सालों से अपमानित होने वालों लोगों की जिन पार्टियों और नेताओं ने संघर्ष करते हुए सामाजिक लड़ाई को आगे बढ़ाया है उनको आभार। उन्होने कहा कि साथी सांसद का भी यही कहना है कि सरकार से वो कन्फ्यूज हैं। क्योंकि सरकार के एक मंत्री कुछ कहते हैं और दूसरे मंत्री कुछ और कहते हैं। उन्हांेने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने देश के पिछड़ों-दलितों को सबसे ज्यादा गुमराह किया है। उत्तर प्रदेश सरकार की नियत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार की नियत साफ होगी तभी तो आरक्षण बचेगा। आरक्षण में राज्य सरकारों को अधिकार मिल रहा है यह अच्छी बात है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या आरक्षण को 50% न करने से सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इसी भाजपा सरकार का कहना है कि इस संसद में संसदों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है इसलिए नई संसद का निर्माण किया जा रहा है। ताकि सभी सांसद आराम से बैठ सकें। आप अपने लिए तो सेन्ट्रल विस्टा का निर्माण कर रहे हैं। लेकिन आरक्षण की मण्डल कमीशन की मूल भावना के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ये हमसे बहतर कोई नहीं जानता होगा। जातियों में भाजपा नफरत फैलाती है। चुनाव के दौरान भाजपा ने अलग-अलग ओबीसी चेहरे आगे किए, कि ये ओबीसी मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन मुख्यमंत्री किसी और को बनाया। उन्होंने मांग की कि सभी जातियों की गणना को सांक्षा किया जाए। हर जाति यह समझती है कि उनकी जाति आबादी में ज्यादा है। हर जाति को एक दूसरे से कन्फ्यूजन पैदा किया हुआ है कि आपका हक आपको नहीं मिल रहा है। भाजपा की सरकार ही पिछड़ी जातियों ने बनवाई है, तो जाति आधारित गणना के आंकडे बताने चाहिए।
अखिलेश ने मांग की कि पिछड़ों के आरक्षण की सामा 50 प्रतिशत के ज्यादा की जाए। अखिलेश ने केन्द्र सरकार के ओबीसी-एससी मंत्रियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि क्या सरकार इसे स्वीकार करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के दलित-पिछड़े मंत्री भी इस बात को मानते होगे, कि आरक्षण को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि 1-2 दलित-पिछड़ों को मंत्री बनाने से पिछड़ों का भला नहीं होगा। भला तब होगा जब आरक्षण को 50 प्रतिशत से ज्यादा किया जाएगा।
साथ ही अखिलेश ने संसद में ललकार दिया कि उत्तर प्रदेश में अगली सरकार समाजवादी पार्टी की बनेगी और यदि इस सरकार ने जाति आधारित गणना के आंकड़ों को नहीं बताया तो सरकार आने पर हम जाति आधारित गणना को सार्वजनिक करेंगे।
“सोशलिस्टों ने बांधी गांठ, पिछड़े पांवें 100 में 60” के नारे को संसद में दोहराया।